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यूपी में करवाचौथ के दिन हुआ चार हजार से ज्‍यादा महिला उत्पीड़न Lucknow News

उत्‍तर प्रदेश में 181 महिला हेल्पलाइन में करवा चौथ के दिन दर्ज हुए आधे से अधिक मामले घरेलू हिंसा के।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 07:53 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 07:53 AM (IST)
यूपी में करवाचौथ के दिन हुआ चार हजार से ज्‍यादा महिला उत्पीड़न  Lucknow News
यूपी में करवाचौथ के दिन हुआ चार हजार से ज्‍यादा महिला उत्पीड़न Lucknow News

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। 

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केस-1

हापुड़ में 28 वर्षीय महिला ने जिसकी लंबी उम्र के लिए करवाचौथ व्रत रखा, वही उसके लिए हैवान बन गया। शराब के नशे में पति ने पत्नी को खूब पीटा। किसी तरह महिला ने एक कमरे में बंद होकर 181 महिला हेल्पलाइन में मदद की गुहार लगाई। आशा ज्योति केंद्र टीम मौके पर पहुंची और दोनों की काउंसलिंग की। बाद में पति ने गलती मानी और पत्नी से माफी मांगी। इसके बाद पत्नी ने पति के हाथों करवाचौथ का व्रत तोड़ा। 

केस-2

बदायूं में 22 वर्षीय नवविवाहिता ने भी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। चांद निकलने के बाद जब पति घर नहीं पहुंचा तो उसने फोन मिलाया। पति ने बताया कि वह नहीं आ सकता है, उसका किसी अन्य महिला से प्रेम संबंध हैं। उसने 181 महिला हेल्पलाइन को फोन मिलाया और आपबीती सुनाई। रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। घर के सभी सदस्यों के साथ टीम ने दोनों को बैठाया। काउंसलर ने विवाहेत्तर संबंध के दुष्परिणाम के बारे में बताया। परिवार वालों ने भी दबाव बनाया तो युवक को गलती समझ में आई। बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया। 

यह चंद उदाहरण भर हैं। करवाचौथ वाले दिन 181 महिला हेल्पलाइन में इस तरह के करीब चार हजार से अधिक महिला उत्पीडऩ के मामले दर्ज हुए। इनमें आधे से अधिक मामले घरेलू हिंसा के हैं। कई मामलों में 181 की रेस्क्यू टीम ने मौके पर जाकर महिलाओं की मदद की व कुछ में पति-पत्नी के बीच समझौता कराया। 

महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसा के खिलाफ सरकार ने 181 महिला हेल्पलाइन शुरू की है। इसमें करवाचौथ वाले दिन 4052 महिलाओं ने शिकायतें दर्ज कराईं। इस हेल्पलाइन में अब तक पांच लाख से अधिक महिलाओं की मदद की जा चुकी है। इनमें दो लाख से अधिक महिलाओं को रेस्क्यू किया गया। 

करवाचौथ वाले दिन किस-किस तरह की आई कॉलें 

  • घरेलू हिंसा (मानसिक)-16.4 प्रतिशत
  • घरेलू हिंसा (शारीरिक)-12.1 प्रतिशत
  • घरेलू हिंसा (यौन)-20.2 प्रतिशत
  • घरेलू हिंसा (मौखिक)-9.0 प्रतिशत
  • घरेलू हिंसा (आर्थिक शोषण)-6.1 प्रतिशत
  • दहेज उत्पीडऩ-3.9 प्रतिशत
  • विवाहेत्तर संबंध-3.6 प्रतिशत
  • यौन हमला-4.1 प्रतिशत
  • यौन शोषण-2.3 प्रतिशत
  • सामुदायिक हिंसा-3.8 प्रतिशत
  • पीछा करना-5.8 प्रतिशत
  • गंभीर शारीरिक हमला-4.1 प्रतिशत
  • बंधक बनाना-2.0
  • जान से मारने की कोशिश-2.1 प्रतिशत
  • अन्य-4.5 प्रतिशत

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