Vikas Dubey News : SIT ने पूरी की कानपुर के बिकरू कांड की जांच, सवालों के घेरे में पुलिस की भूमिका
Vikas Dubey News कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल ने अपनी जांच पूरी कर ली है।
लखनऊ, जेएनएन। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने अपनी जांच पूरी कर ली है। एसआइटी के अधिकारी अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं, जिसे जल्द शासन को सौंपा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि एसआइटी की जांच में तत्कालीन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कानपुर जिले के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआइटी को जांच सौंपी थी। एसआइटी को मुख्य रूप से विकास दुबे और उसके गिरोह की काली कमाई से खड़े किए गए साम्राज्य और पुलिसकर्मियों की भूमिका समेत नौ बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए गए थे। एसआइटी में एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे.रवींद्र गौड को बतौर सदस्य शामिल किया गया था।
एसआइटी ने कानपुर जाकर छानबीन करने के साथ ही कई अधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ भी की थी। एसआइटी को जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया था। एसआइटी के अधिकारी जांच के दौरान सामने आए तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
एसआइटी ने इन प्रमुख मुद्दों पर की जांच
- घटना के पीछे के कारणों जैसे विकास दुबे पर जो भी मामले चल रहे हैं, उनमें अब तक क्या कार्रवाई हुई।
- विकास के साथियों को दिलाने के लिए जरूरी कार्रवाई की गई या नहीं। जमानत रद कराने के लिए क्या कार्रवाई की गई।
- विकास दुबे के खिलाफ कितनी शिकायतें आईं? क्या चौबेपुर थाना अध्यक्ष और जिले के अन्य अधिकारियों ने उनकी जांच की।
- विकास दुबे और उसके साथियों पर गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए के तहत क्या कार्रवाई की गई? कार्रवाई करने में की गई लापरवाही की भी जांच की जाएगी।
- विकास दुबे और उसके साथियों के पिछले एक साल में कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) की जांच करना।
- विकास दुबे के संपर्क में आने वाले पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के सबूत मिलने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करना।
- घटना के दिन पुलिस को आरोपियों के पास हथियारों और फायर पावल की जानकारी कैसे नहीं मिली।
- इसमें हुई लापरवाही की जांच करना, थाने को भी इसकी जानकारी नहीं थी, इसकी भी जांच करना।
- अपराधी होने के बावजूद भी विकास और उसके साथियों को हथियारों के लाइसेंस किसने और कैसे दिए।