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Vikas Dubey Encounter : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा

विकास दुबे के एनकाउंटर केस में दो याचिकाकर्ताओं में से एक अनूप प्रकाश अवस्थी ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 07:39 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 07:55 PM (IST)
Vikas Dubey Encounter : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा
Vikas Dubey Encounter : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट में यूपी पुलिस के जवाब के बाद अब याचिकाकर्ता ने भी जवाबी हलफनामा दायर कर दिया है। याचिकाकर्ता अनूप प्रकाश अवस्थी ने यूपी सरकार और पुलिस की दलीलों और तर्कों का जवाब दिया है। सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का न्यायिक आयोग बनाने की बात कही है, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि न्यायामूर्ति अग्रवाल हाई कोर्ट के पूर्व जज हैं, रिटायर्ड नहीं। अब इस मामले में 20 जुलाई को सुनवाई होगी।

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विकास दुबे के एनकाउंटर केस में दो याचिकाकर्ताओं में से एक अनूप प्रकाश अवस्थी ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। अनूप प्रकाश अवस्थी ने अपने हलफनामे में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मनमाना आदेश देने के बाद जस्टिस अग्रवाल को न्यायामूर्ति पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने यह भी कहा है कि आयोग की मंजूरी विधानमंडल से नहीं ली गई, न ही राज्यपाल ने इस संबंध में अध्यादेश जारी किया है। उन्होंने जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) टीम को लेकर भी सवाल उठाए हैं। याचिकाकर्ता ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि एसआईटी का गठन करते हुए जिन अधिकारियों को शामिल किया गया है, उनमें से एक अधिकारी पर फर्जी एनकाउंटर मामले में चार्जशीट दाखिल है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे और उसके सहयोगियों के मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली दो याचिकाओं पर शीर्ष कोर्ट के समक्ष विस्तृत जवाब पेश किया। पुलिस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मुठभेड़ को फर्जी नहीं कहा जा सकता है। पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि मुठभेड़ सही थी। इसे किसी भी तरह से फर्जी नहीं कहा जा सकता। विकास दुबे की मुठभेड़ की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर घनश्याम उपाध्याय और अनूप प्रकाश अवस्थी द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ, सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।

बता दें कि दुर्दांत विकास दुबे कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी था। विकास दुबे और उसके साथियों ने दो जुलाई की रात पुलिस दल पर गोलियां चलाकर और धारदार हथियारों से हमला कर सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने नौ जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किए जाने के बाद 10 जुलाई को कानपुर आते समय उसने कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस ने उसे मार गिराया था।


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