Vikas Dubey Case: कानपुर का बिकरू गांव कांड- SIT आज नहीं दे सकेगी जांच रिपोर्ट, मांगेगी समय
Vikas Dubey Case अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी को रिपोर्ट देने में समय लगेगा आज यानी 31 जुलाई को ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी जानी थी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के साथ ही देश-विदेश में चर्चा का विषय बने कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव कांड की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं है। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी को अभी रिपोर्ट देने में समय लगेगा, जबकि आज यानी 31 जुलाई को ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी जानी थी।
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो-तीन जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला बोल गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से विकास दुबे अपने गैंग के साथ फरार हो गया। सरकार को हिला देने वाली इस घटना के बाद से पुलिस ने इस केस में 21 नामजद आरोपियों में विकास दुबे सहित छह को एनकाउंटर में ढेर कर दिया जबकि चार को गिरफ्तार किया है। इस कांड की जांच 11 जुलाई को एसआइटी को सौंपी गई थी और 31 जुलाई को सरकार ने रिपोर्ट की अपेक्षा की थी। एसआईटी का गठन अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में किया गया है। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया। शासन ने 31 जुलाई तक इस केस की जांच रिपोर्ट तलब की है।
इस केस की जांच कर रही टीम आज यानी 31 जुलाई तक सरकार को अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाएगी। एसआईटी इस केस की जांच के लिए सरकार से और समय मांग सकती है। यह तो तह है कि आज एसआईटी आज सरकार को अपनी रिपोर्ट नहीं देगी। एसआइटी आज सरकार से और समय मांग सकती है। इस केस से संबंधित कई दस्तावेज एसआइटी को नहीं मिले हैं।
विकास के मददगार पुलिस कर्मियों का ब्यौरा मांगा
कानपुर के बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या और उसके बाद हुए घटनाक्रम की जांच के लिए गठित एसआइटी ने कानपुर में गुरुवार सर्किट हाउस में उन अफसरों के बयान दर्ज कराए जो घटना के समय या बाद में इस जांच से जुड़े हैं। एसआइटी के अध्यक्ष वरिष्ठ आइएएस संजय भूस रेड्डी, एडीजी हरिराम शर्मा और डीआइजी जे रवींद्र गौड़ की टीम सुबह दोपहर करीब 12 बजे सर्किट हाउस पहुंची। यहां पर पहले से ही डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, एसएसपी डॉ. डॉ. प्रीतिंदर सिंह सहित तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। सबसे पहले उन्होंने डीएम व एसएसपी के साथ बैठक की। इसके बाद बिकरू कांड की जांच से जुड़े अफसरों से पूछताछ की। एसआइटी की टीम करीब पांच घंटे तक सर्किट हाउस में रुकी और इस दौरान तमाम दस्तावेजों का गहन निरीक्षण भी किया।
खुफिया नाकामी की भी पड़ताल
एसआइटी के सदस्यों ने स्थानीय खुफिया विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया गया था। उनके भी बयान दर्ज कर पूछताछ की गई। उनसे पूछा गया कि इतने दुर्दांत अपराधी के बारे में उन्होंने कभी अधिकारियों को सूचना दी थी। अगर नहीं दी तो क्यों और दी तो उस पर क्या कार्रवाई हुई। एलआइयू ने स्वीकार किया है कि विकास को लेकर कोई पूर्व सूचना अधिकारियों को नहीं दी गई। यह इकाई एसएसपी के आदेश पर कुछ खास टारगेट पर ही काम करती है। विकास के बारे में कभी अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी ही नहीं।
नहीं मिल रही असलहा लाइसेंस की फाइलें
विकास दुबे और उसके सहयोगियों से जुड़े शस्त्र लाइसेंस की कुछ फाइलें असलहा अनुभाग में नहीं मिल रही हैं। फाइलों की तलाश जारी है। इन फाइलों की जांच एसआइटी को करनी है।