नीति आयोग उपाध्यक्ष कर गए विकास को जनांदोलन में बदलने की वकालत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विकास को जनांदोलन में बदलने की वकालत की और कहा कि हमे देखना होगा कि विकास को जनांदोलन बनने से कौन से कारण रोक रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.राजीव कुमार ने मंगलवार को विकास को जनांदोलन में बदलने की वकालत की है। कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो देश पिछड़ जाएगा। हमें सोचना होगा कि कौन से कारण हैं जो विकास को जनांदोलन बनने से रोक रहे हैं। उन्होंने विदेशी दृष्टिकोण को तिलांजलि देते हुए देश की जमीनी समस्याओं के निराकरण के लिए भारतीय नजरिया अपनाने की हिमायत की। यह भी कहा कि देश में मौजूद 90 करोड़ मोबाइल फोन की वजह से 400 योजनाओं को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के दायरे में लाकर 90 हजार करोड़ रुपये बचाये गए।
नोटबंदी और जीएसटी का समर्थन
वह लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ.शंकर दयाल शर्मा लोकतंत्र संस्थान की ओर से साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 'भारतीय अर्थ व्यवस्था का प्रतिमान परिवर्तन-बेहतर समावेश के साथ विकास के नए कारक' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। योजना आयोग को निष्क्रिय संस्था करार देते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में ही उसे खत्म करने की बात शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि 1960 में विश्व की आय के संदर्भ में भारत की औसत आय चीन से मामूली अंतर से ज्यादा था। इस पर भी विचार करने की जरूरत है कि आज चीन की औसत आय भारत की चार गुना क्यों है? तमाम कोशिशों के बावजूद भ्रष्टाचार क्यों आगे बढ़ता जा रहा है? नोटबंदी और जीएसटी का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में देश में करदाताओं की संख्या 3.5 करोड़ थी जो अब बढ़कर सात करोड़ हो गई है।
किसानों को खाद्य प्रसंस्करण से जोडऩे की सलाह
डॉ.राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग एक राज्य में हुए इनोवेशन को दूसरे राज्यों में पहुंचा रहा है। राज्यों के बीच स्पर्धा भी पैदा कर रहा है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत नीति आयोग ने ढाई हजार स्कूलों में टिंकरिंग लैब स्थापित किये हैं। 31 मार्च तक इनकी संख्या बढ़ाकर पांंच हजार करने का लक्ष्य है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने राज्य सरकार की उपलब्धियां बतायीं और किसानों को खाद्य प्रसंस्करण से जोडऩे की सलाह दी।
जीएसटी लागू होने से टैक्स-जीडीपी अनुपात बढ़ा
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा के कुलपति प्रो.बीपी शर्मा ने कहा कि जीएसटी लागू होने से टैक्स-जीडीपी अनुपात बढ़कर 20 फीसद हो जाएगा। सिंचाई क्षमता बढ़ाकर भारत विश्व में खाद्य महाशक्ति बन सकता है। वहीं कौशल विकास और स्टार्ट अप को बखूबी अंजाम देकर भारत विश्व की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन सकता हैै। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एनके तनेजा ने कहा कि नोटबंदी से बैंक खातों में पहुंचे 12.44 लाख करोड़ रुपये ही मुद्रा योजना का आधार बने। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो.मनोज कुमार अग्रवाल ने प्रदेश के विकास में नौकरशाही को सबसे बड़ा रोड़ा बताया।