उप राष्ट्रपति ने दी सबकुछ ऑनलाइन करने की सलाह
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बिजली व सड़क के साथ कृषि व उद्योग पर खास ध्यान देने और सबकुछ ऑनलाइन करने की सलाह दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को लखनऊ में कहा कि प्रदेश में पहले बिजली व्यवस्था संतोषजनक नहीं थी लेकिन, अब इसमें तेजी से सुधार हुआ है। गांवों तक जो बिजली वर्ष 2009 तक पहुंच जानी चाहिए थी, वह इस साल पहुंची है। उप्र विद्युत नियामक आयोग के नए भवन के लोकार्पण समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह दी कि बिजली-पानी के साथ प्रदेश में कृषि-उद्योग को बढ़ावा दिया जाए और सब कुछ ऑनलाइन करके लोगों को ऐसी डिजिटल व्यवस्था दें कि उन्हें कहीं लाइन ही न लगानी पड़े।
गोमतीनगर में प्रदेश के पहले ऊर्जा दक्ष सरकारी भवन के तौर पर तैयार हुए नए भवन के लोकार्पण समारोह में राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल की रैैंकिंग के मुताबिक भारत दुनिया का छठा 'वेल्दी नेशनÓ है और अब हमें इसे 'हेल्दी नेशनÓ बनाने की दिशा में काम करना है। गरीबी उन्मूलन व शहर-गांव में अंतर खत्म करने के साथ सभी तक बिजली-पानी पहुंचाने को चुनौती ठहराते हुए कहा कि इस ओर तेजी से काम करके परिवर्तन लाया जा रहा है। नायडू ने कहा कि यह पंचसितारा विकास नहीं है, बल्कि सभी लोगों तक लाभ पहुंच रहा है। लंबे समय तक प्रदेश में एक बड़ा वर्ग बिजली से वंचित रहा है।
नायडू ने कहा कि पहले प्रतिमाह 10 हजार बिजली कनेक्शन दिए जा रहे थे, जबकि अब यह संख्या पांच लाख है। उन्होंने छह लाख अनुसूचित जाति-जनजाति गांवों के साथ ही दिसंबर तक प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य भी पूरा करने को कहा। उन्होंने बिजली चोरी रोकने को कहा और मुफ्त बिजली के नारे को गुमराह करने वाला बताया। आवासीय इमारतों को भी ऊर्जा दक्ष नियमों के तहत तैयार करने और इस्तेमाल का तरीका बदल कर बिजली बचाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कई रेटिंग के मुताबिक देश आगे बढ़ रहा है, इसलिए उत्तर प्रदेश को भी इसी रफ्तार से कदम बढ़ाने होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह में उम्मीद जताई कि नए भवन में आयोग उपभोक्ता हितों के संरक्षण के साथ वितरण व पारेषण क्षेत्र में संतुलन बनाने का भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले आपूर्ति को लेकर भेदभाव था। केवल चार जिलों को चौबीसौ घंटे बिजली दी जा रही थी, जबकि अब सभी 75 जिलों में एक समान आपूर्ति है। गांवों में फुंके ट्रांसफार्मर महीनों नहीं बदले जाते थे, अब शहरों में 24 और गांवों में 48 घंटे में इन्हें बदला जा रहा है। समारोह में आयोग के पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा के महासचिव देशदीपक वर्मा, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार व आयोग के अध्यक्ष एसके अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे।
ऐसा है आयोग का नया भवन
गोमतीनगर के विभूतिखंड में 6484 वर्ग मीटर में बनकर तैयार हुआ आयोग का नया भवन कई मायनों में खास है। भवन के हर कमरे में एलइडी लाइट के साथ लगे ऑक्यूपेंसी सेंसर कमरे में किसी के न होने पर खुद बिजली बंद कर देंगे, जबकि लिफ्ट बिजली का पुनर्उत्पादन करेगी। दीवारों के बीच लगी आटोक्लेव्ड एयरेटेड कंक्रीट (एएसी) की तापरोधक ईंटें बाहर की गर्मी भीतर नहीं आने देंगी और खिड़कियों में लगे तापरोधक डबल ग्लास भी यही काम करेंगे। ऊर्जा की खपत पर नियंत्रण के लिए भी स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस भवन में विद्युत लोकपाल का कार्यालय, बैंक व एटीएम होगा, जबकि छत पर लगा 70 किलोवाट का सोलर पैनल यहां की बिजली जरूरत पूरी करेगा।
दोगुना समय लगा, लागत भी डबल हुई : नाईक
राज्यपाल राम नाईक ने लोकार्पण समारोह में बताया कि 29 सितंबर, 2014 को इस भवन के शिलान्यास के समय उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से समय पर काम पूरा होने की अपेक्षा जताई थी लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। दो साल में यह भवन बनना था पर इसे बनने में तीन साल आठ महीने लग गए। नाईक ने बताया कि इसी तरह 18 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित भवन में खर्च भी दोगुना यानि करीब 35 करोड़ रुपये हो गया है। उप राष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने भी नये भवन को मॉडल तो बताया, साथ ही यह भी कहा कि देर नहीं होनी चाहिए थी। राज्यपाल ने बिजली चोरी पर चिंता जाहिर करते हुए लाइन हानि के 29 से 23 फीसद आने पर प्रसन्नता जताई। साथ ही गुजरात, केरल व आंध्र प्रदेश की 11 फीसद लाइन हानि का उदाहरण भी दिया।