राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप सक्रिय, 25 हजार युवाओं को धर्म रक्षक बनाने का लक्ष्य
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप बड़ा आंदोलन करने की योजना तैयार कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने त्रिशूल दीक्षा अभियान पर विशेष जोर दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। देश भर की नजर अयोध्या में राम मंदिर पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने त्रिशूल दीक्षा अभियान पर विशेष जोर दिया है। इसके जरिये नए कैडर तैयार किये जा रहे हैं। त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम से बजरंग दल में 25 हजार युवाओं को दक्ष करने का लक्ष्य तय किया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद आंदोलन की योजना बना रहा है। विहिप और उसके अनुषांगिक संगठन बजरंग दल की सक्रियता तो पूरे प्रदेश में है, लेकिन अवध प्रांत के 16 जिलों में कार्यकर्ताओं और युवाओं को आगे लाने में कुछ ज्यादा ही तेजी है। दक्षता वर्ग और त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम शक्ति केंद्रों पर आयोजित किया जा रहा है। विहिप अवध प्रांत के संगठन मंत्री भोलेंद्र सिंह बताते हैं कि 16 अक्टूबर तक यह पूरा हो जाएगा।
अवध प्रांत को पिछले चार वर्षों से लक्ष्य बनाकर निचले स्तर तक कार्य हो रहा है। यहां हर जिले में औसत चार शक्ति केंद्र बने हैं और कुल 94 शक्ति केंद्र हैं। एक दिन में दो या तीन शक्ति केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर आने वाले समय में तत्परता से प्रतिक्रिया के लिए विहिप उन्हें धर्म रक्षक के रूप में दीक्षित कर रही है। इन आयोजनों में युवाओं को धर्म रक्षा के लिए संकल्प भी दिलाया जाता है।
त्रिशूल दीक्षा का मतलब शस्त्र धारण
विहिप के प्रांतीय संगठन मंत्री भोलेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदू धर्म में शास्त्र और शस्त्र का व्यापक महत्व रहा है। अब लोग इसे भूलते जा रहे हैं। इसलिए अपने देश की संस्कृति और गौरव को मजबूती देने के लिए त्रिशूल दीक्षा का आयोजन हो रहा है। त्रिशूल दीक्षा का मतलब है शस्त्र धारण। प्रतीक रूप में ही सही लेकिन हर हिंदू अपनी रक्षा के लिए शस्त्र रखे। विधर्मियों की संख्या बढ़ रही है। लव जेहाद और धर्मांतरण जैसी समस्या का समाधान करने के लिए संगठन का विस्तार हो रहा है।