वाहन चोरी के आरोपित की मौत, पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण तबीयत बिगडऩे पर उसे पहले बलरामपुर अस्पताल फिर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई।
लखनऊ, जेएनएन। चौक पुलिस ने 15 जनवरी को बालागंज निवासी अब्दुल रहीम (28) को वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। परिवारीजन का आरोप है कि पुलिस ने बुरी तरह पिटाई कर उससे वाहन चोरी की बात स्वीकार कराई। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। पिटाई के कारण तबीयत बिगडऩे पर उसे पहले बलरामपुर अस्पताल फिर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई।
चचेरे भाई चांद का आरोप है कि चौक पुलिस ने वाहन चोरी कबूल कराने के लिए अब्दुल को थाने में थर्ड डिग्री दी थी। अगले ही दिन परिवारीजन अब्दुल से जेल में मिलने गए थे। उन्हें अब्दुल ने बताया था कि उसे पुलिस ने इस कदर पीटा है कि उसका बचना मुश्किल है। जेल जाने के बाद से पुलिस पिटाई के चलते उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। हालत में सुधार न होता देखकर जेल प्रशासन ने उसे शनिवार को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से सोमवार को उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। ट्रॉमा में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने कोतवाली में किया हंगामा
घटना के बाद परिवारीजनों ने चौक कोतवाली पहुंचकर हंगामा किया और पुलिस पिटाई के चलते मौत की बात कही। उन्होंने चौक पुलिस के खिलाफ तहरीर भी दी है। परिवारीजन पोस्टमॉर्टम कराने पर अड़ गए, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। इंस्पेक्टर चौक उमेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक पुलिस पर पिटाई के आरोप गलत हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
एएसपी, पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि अब्दुल रहीम से चोरी की सात बाइक बरामद कर उसे जेल भेजा गया था। उसके परिवारीजन ने तहरीर देकर चौक पुलिस पर पिटाई और इस कारण उसकी मौत की बात कही है। मामले की जांच की जा रही है। वहीं सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी का कहना है कि पिटाई का आरोप गलत है। अब्दुल रहीम का मेडिकल कराकर जेल भेजा गया था। मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों ने नो इंजरी लिखा था। जहर खाने की बात भी सामने आ रही है। मौत किन कारणों से हुई है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही स्पष्ट होगा।