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Lucknow: सरकार ने दमकल विभाग के बढ़ाए अधिकार, अब शमन शुल्क और अर्थदंड वसूल सकेगा विभाग

अग्निशमन सुरक्षा में लापरवाही व गड़बड़ी के मामलों में अब दमकल को अर्थदंड लगाने का अधिकार भी होगा। संशोधन में शमन शुल्क लगाने के अधिकार के साथ प्रदेश में अग्निशमन सुरक्षा कोष बनाने का निर्णय किया गया है। इससे आग से सुरक्षा के प्रति जागरूकता व अन्य आयोजन होंगे।

By Alok MishraEdited By: Mohammed AmmarPublished: Mon, 05 Dec 2022 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 09:11 PM (IST)
Lucknow: सरकार ने दमकल विभाग के बढ़ाए अधिकार, अब शमन शुल्क और अर्थदंड वसूल सकेगा विभाग
Lucknow: दमकल विभाग के बढ़ेंगे अधिकार, शमन शुल्क और अर्थदंड वसूल सकेगा विभाग

लखनऊ, राज्य ब्यूरो : प्रदेश में आग लगने की घटनाओं में जन-धन हानि को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दमकल विभाग की भूमिका व दायरा बढ़ाए जाने के साथ ही प्रदेश में सख्त कानून लागू किए जाने के लिए कदम बढ़ रहे हैं। अग्नि कर लागू किए जाने की भी तैयारी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अध्यादेश-2022 को कैबिनेट ने 16 नवंबर, 2022 को मंजूरी दी थी, जिसमें कुछ संशोधन किए गए हैं। कैबिनेट ने सोमवार को अध्यादेश का प्रतिस्थानी विधेयक (उप्र अग्निशमन तथा आपात सेवा विधेयक-2022) को अगले विधानमंडल सत्र में प्रस्तुत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

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भवनों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को अनिवार्य रूप से स्थापित कराए जाने के लिए विधेयक में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को भी हिस्सा बनाया जाएगा। जिसके तहत अब थर्ड पार्टी आडिट की वार्षिक व्यवस्था होगी। आडिट रिपोर्ट के आधार पर ही दमकल विभाग निर्धारित समय में एनओसी देगा। साथ ही एनओसी लेने तथा अग्निशमन सुरक्षा में लापरवाही व गड़बड़ी के मामलों में अब दमकल को अर्थदंड लगाने का अधिकार भी होगा। संशोधन में शमन शुल्क लगाने के अधिकार के साथ प्रदेश में अग्निशमन सुरक्षा कोष बनाने का भी निर्णय किया गया है। इससे आग से सुरक्षा के प्रति जागरूकता व अन्य आयोजन होंगे।

माडल फायर एंड इमरजेंसी बिल सभी राज्यों को भेजा

प्रदेश में औद्याेगिक व शहरी विकास के साथ ही आग की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। वर्तमान में प्रचलित उप्र फायर सर्विस एक्ट-1944 तथा उप्र अग्नि निवारण व अग्नि सुरक्षा अधिनियम-2005 भविष्य की चुनौतियों व अपेक्षाओं से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। जिससे भवनों व प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित नहीं कराए जा पा रहे हैं। पूरे देश में फायर सर्विस अधिनियम में एकरूपता लाने के लिए भारत सरकार ने माडल फायर एंड इमरजेंसी बिल-2019 बनाकर सभी राज्यों को भेजा है।

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प्रदेश में माडल बिल को आधार बनाकर ही सख्त कानून बनाया जा रहा है। अब भवनों में फायर सुरक्षा अधिकारी की तैनाती अनिवार्य होगी। अग्निशमन अधिकारियों को गड़बड़ी पाए जाने पर किसी भवन को सील करने का अधिकार भी होगा। साथ ही किसी भवन में आग लगने से होेने वाली जनहानि की स्थिति में पीड़ित परिवार काे मुआवजा भवन स्वामी अथवा उस भवन का उपयोग कर रहे व्यक्ति को देना होगा।


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