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सरकारी विभागों में बिजली बिल बकाए में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश, देखिये टॉप टेन राज्यों की सूची...

सरकारी बिजली बकाए के मामले में सबसे आगे चल रहे प्रदेश में सरकारी विभागों पर वर्ष 2018-19 के सितंबर तक कुल 13361 करोड़ रुपये बकाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 09:08 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:32 AM (IST)
सरकारी विभागों में बिजली बिल बकाए में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश, देखिये टॉप टेन राज्यों की सूची...
सरकारी विभागों में बिजली बिल बकाए में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश, देखिये टॉप टेन राज्यों की सूची...

लखनऊ, जेएनएन। बिजली बकाया न बढ़ने देने के लिए एक ओर नेताओं व अफसरों के सरकारी आवासों पर प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी है तो दूसरी ओर देश के किसी भी अन्य राज्य के मुकाबले उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों पर दर्ज बिजली बकाए की रकम नई चुनौती खड़ी कर रही है। चौंकाने वाली बात है कि सरकारी बकाए के मामले में देश के टॉप टेन राज्यों में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है।

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सरकारी विभागों पर बिजली बकाए को लेकर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर उन्हें प्रस्ताव सौंपा और बजट का प्रावधान कराके पूरी रकम दिलाने की मांग की। वर्मा ने बताया कि मंत्री ने पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। वर्मा ने कहा कि जब दस हजार रुपये से अधिक के बकाए पर आम उपभोक्ताओं के खिलाफ अभियान चल रहा है तो सरकारी बकाया भी वसूल कर विभाग के कैशगैप को कम किया जाना चाहिए। ऊर्जा मंत्री को सौंपे प्रस्ताव में भी परिषद ने वर्ष 2018-19 में सितंबर तक के सरकारी बकाए की राज्यवार तुलनात्मक स्थिति को सामने रखा।

वर्मा ने मंत्री को बताया कि सरकारी बिजली बकाए के मामले में सबसे आगे चल रहे प्रदेश में सरकारी विभागों पर वर्ष 2018-19 के सितंबर तक कुल 13,361 करोड़ रुपये बकाया है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी विभागों का बकाया वसूल लिया जाए तो बिजली कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है, जबकि उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा। परिषद ने सरकारी कनेक्शनों पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के फैसले की फी सराहना की है।

     राज्य               बिजली बकाया (राशि करोड़ रुपये में)

  1. उत्तर प्रदेश          13,361
  2. तेलंगाना              6737
  3. आंध्र प्रदेश          4913
  4. महाराष्ट्र              3332
  5. छत्तीसगढ़           2011
  6. केरल                1835
  7. तमिलनाडु          1620
  8. पंजाब                1313
  9. बिहार                1120
  10. हरियाणा             969

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