चीनी निगम की मिलों ने 46 करोड़ रुपये की बिजली बेची, विस्तारीकरण योजना रही कारगर
उत्तर राज्य चीनी निगम की मिलों के विस्तारीकरण की योजना गन्ना किसानों के अलावा उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति सुचारु रहने में कारगर सिद्ध हुई है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर राज्य चीनी निगम की मिलों के विस्तारीकरण की योजना गन्ना किसानों के अलावा उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति सुचारु रहने में कारगर सिद्ध हुई है। मौजूदा पेराई सत्र में निगम की तीन चीनी मिलों मोहिउद्दीनपुर (मेरठ), पिपराईच (गोरखपुर) व मुंडेरवा (बस्ती) ने 15.02 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन करने के अलावा 46.63 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त की है।
प्रमुख सचिव गन्ना विकास व चीनी उद्योग संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि निगम की तीन चीनी मिलों की कुल पेराई क्षमता 13,500 टीसीडी है। मौजूदा पेराई सत्र में कुल 151.31 लाख कुंतल गन्ने की पेराई करते हुए 15.02 लाख कुंतल चीनी व 7.80 लाख क्विंटल शीरे का उत्पादन किया गया है। उक्त चीनी मिलों में 69 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता के कोजन प्लांट भी स्थापित है। उन्होंने बताया कि निगम की दो नई चीनी मिलें पूर्वांचल में स्थापित होने से से गन्ना किसानों को राहत मिली तथा क्षेत्र की जनता को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे है।
विस्तारीकरण कार्य जारी रहेगा : गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने किसानों के हित में चीनी मिलों के विस्तारीकरण योजना को जारी रखने की बात कही। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की स्थिति को सुधारना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। पूर्ववर्ती सरकारें जहां चीनी मिलों को बंद करने और बेचने में जुटी थी, वहीं योगी सरकार ने किसान हित में मिलों के विस्तारीकरण की योजनाओं पर अमल शुरू किया। इसी का नतीजा है कि प्रदेश चीनी उत्पादन में प्रथम पायदान पर कायम है।