यूपी में वायु प्रदूषण पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, मेरठ की फैक्ट्री में तालाबंदी और 25 लाख का जुर्माना
बढ़ते वायु प्रदूषण को देख उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके दोषियों पर मंगलवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की। मेरठ की इस्पात फैक्ट्री में तालाबंदी के साथ 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है। लखनऊ के तीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट और कानपुर की तीन फैक्ट्रियों को भी नोटिस दिया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बढ़ते वायु प्रदूषण को देख उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके दोषियों पर मंगलवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की। मेरठ की इस्पात फैक्ट्री में तालाबंदी के साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। लखनऊ के तीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट और कानपुर की तीन फैक्ट्रियों को भी पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया गया है। वहीं, झांसी रेलवे स्टेशन व रेलवे कॉलोनी में प्लास्टिक कचरा जलाए जाने तथा रेलवे परिसरों में तोड़फोड़ के कारण उड़ रही धूल की वजह से 12.75 लाख रुपये की पर्यावरणयीय क्षतिपूर्ति का नोटिस मंडलीय रेल प्रबंधक झांसी को दिया गया है।
लखनऊ में गोमतीनगर विस्तार में बन रहे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण परिसर में धूल उड़ती मिली। यहां न तो पीटीजेड कैमरा स्थापित था और न ही परिसर में जल छिड़काव होता मिला। यहां उत्तर प्रदेश जल निगम निर्माण करा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यहां 15,625 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया है।
लखनऊ में दूसरा नोटिस यूनिक इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। यह कंपनी शहीद पथ अवध बिहार योजना में पावर ग्रिड कारपोरेशन का ऑफिस बना रही है। निर्माण स्थल पर वायु प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं किए गए थे। इसलिए यहां भी 23,437 रुपये प्रतिदिन की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया गया। तीसरा नोटिस तुलसियानी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। इस पर भी 23,437 रुपये प्रतिदिन की क्षतिपूर्ति लगाई गई है।
कानपुर में तीन रबर फैक्ट्रियों को बेबी ब्यॉयलर में लेदर कटिंग व रबर जलाने के आरोप में नोटिस दिया गया है। इनमें मैसर्स सनराइज रबर इंडस्ट्रीज, मैसर्स मुगल रबर व टीएस इंटरनेशनल हैं। तीनों पर ही 7,813 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया गया है। इन्हें 15 दिनों में अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। मेरठ में मैसर्स नावला इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में जांच के दौरान वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था पूर्णतया बंद पाई गई। इस कारण आस-पास के क्षेत्र में काला धुआं उड़ता मिला। इससे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता और खराब हुई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इसी प्रकार झांसी में रेलवे कॉलोनी के विभिन्न परिसरों को तोड़कर औद्योगिक प्रतिष्ठान बनाने की तैयारी है। यहां पर सिविल निर्माण कार्य, पेड़ों की कटान, भूमि का समतलीकरण चल रहा है। यहां कंस्ट्रक्शन वेस्ट इधर-उधर बिखरा हुआ है। इससे परिसर में धूल उड़ रही है। यहां स्टेशन सहित विभिन्न परिसरों की सफाई में जो प्लास्टिक कचरा निकल रहा है उसे खुले में ही जलाया जा रहा है। इस कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मंडलीय रेल प्रबंधक को 12.75 लाख रुपये की पर्यावरणयी क्षतिपूर्ति लगाई है। उन्हें 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष बोर्ड में रखने के निर्देश दिए गए हैं।