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उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त से, योगेंद्र उपाध्याय बने भाजपा के मुख्य सचेतक

UP Legislature Monsoon session प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि वर्ष 2020 में विधान मंडल सत्र के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 08:52 PM (IST)
उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त से, योगेंद्र उपाध्याय बने भाजपा के मुख्य सचेतक
उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त से, योगेंद्र उपाध्याय बने भाजपा के मुख्य सचेतक

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त की सुबह 11 बजे शुरू होगा। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि वर्ष 2020 में द्वितीय सत्र के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य सचेतक पद पर आगरा दक्षिण के विधायक योगेंद्र उपाध्याय को नियुक्त किया है। योगी सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट भी लाएगी। वित्त विभाग ने अनुपूरक बजट के लिए मंथन शुरू कर दिया है।

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कोरोना महामारी के संकट के चलते इस बार उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र कुछ हटकर होगा। संक्रमण से बचने और सुरक्षित शारीरिक दूरी के पालन के लिए सदन के भीतर सिटिंग व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। बताया जा रहा है कि विशेष सत्र तीन या चार दिन का होगा और बैठक वर्चुअल नहीं होगी। सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए विधानभवन स्थित मंडप में बैठक होगी, लेकिन सिटिंग व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। विधानसभा में पहले दिन दो सदस्यों पारसनाथ यादव और वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के शोक में कार्रवाई स्थगित रहेगी। सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट भी ला सकती है। 

उपाध्याय लेंगे सिरोही का स्थान : भाजपा विधायक दल के नए मुख्य सचेतक योगेंद्र उपाध्याय होंगे। मुख्य सचेतक पद बुलंदशहर के विधायक वीरेंद्र सिरोही के निधन के कारण रिक्त था। मानसून सत्र से पहले रिक्त पद पर उपाध्याय की तैनाती को काफी अहम माना जा रहा है। उपाध्याय की नियुक्ति से भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कोटा भी पूरा किया। लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए उपाध्याय आरएसएस के स्वयंसेवक और छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे हैं।

अनुपूरक बजट भी लाएगी सरकार : कोरोना आपदा के खिलाफ खर्चीली जंग को देखते हुए यूं तो सरकार के हाथ तंग हैं, लेकिन इस महामारी के कारण सरकार को कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े जिन्हें अमली जामा पहनाने के लिए बजट की आवश्यकता होगी। मसलन सरकार ने कामगारों और श्रमिकों को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा दिलाने के मकसद से उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (रोजगार एवं कल्याण) आयोग का हाल ही में गठन किया है। इसके लिए भी बजट की जरूरत होगी। प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी का गठन हुआ है। इसके क्रियाकलापों के लिए भी बजट की जरूरत होगी। गंगा एक्सप्रेसवे जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है। इसके लिए भी अनुपूरक बजट में धनराशि की व्यवस्था हो सकती है।


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