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गढ्डा युक्त सड़कों से हो रहीं मौतों में यूपी टॉप पर, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र

लोगों की जान जा चुकी है पाच साल में। कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की रिपोर्ट में हुआ राजफाश।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 10:33 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 10:50 AM (IST)
गढ्डा युक्त सड़कों से हो रहीं मौतों में यूपी टॉप पर, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र
गढ्डा युक्त सड़कों से हो रहीं मौतों में यूपी टॉप पर, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र

लखनऊ[नीरज मिश्र]। सड़क पर 'गढ्डों' की वजह से हुई मौतों में उत्तर प्रदेश टॉप पर है। बीते पाच वर्ष में इन 'गढ्डों' की वजह से सूबे में लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे पर मध्य प्रदेश है। ये चौंकाने वाले आकड़े कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की ओर से सड़क दुर्घटनाओं से हो रही मौतों पर जारी पिछले पाच वर्षो की रिपोर्ट में सामने आए हैं। इस रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों में हड़कंप है। आगामी चार सितंबर को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में आठों राज्यों के आला अफसर भी भाग लेंगे।

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अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल के मुताबिक, परिवहन विभाग को हाल ही में यह रिपोर्ट मिली है। इस रिपोर्ट में वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की उन दुर्घटनाओं का जिक्त्र है, जिनमें सड़क पर गढ्डों की वजह से असमय लोग काल के गाल में समा गए। आठ राज्यों के सर्वे में करीब 29.6 फीसद यानी लोगों की जान सिर्फ यूपी में सड़क के गढ्डों के चलते गई है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा, जहा 2,136 मौतों के साथ 14.3 प्रतिशत लोगों को सड़क के गढ्डे लील गए। वहीं 1,385 लोगों की मौत मध्य प्रदेश में हुई और यहा का प्रतिशत 9.3 रहा। उसके बाद गुजरात, वेस्ट बंगाल, बिहार, तमिलनाडु और आध्र प्रदेश हैं। सबसे नीचे रहा आध्र प्रदेश, वहा गढ्डों की वजह से हुई मौतों का प्रतिशत 4.0 रहा है और 605 लोग काल कवलित हुए।

क्या कहते हैं परिवहन आयुक्त?

परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद के मुताबिक, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेशजानकारी मिली है। आकड़े चिंताजनक हैं। आगामी चार सितंबर को होने वाली उच्च स्तरीय बैठक का यही एजेंडा है। इसमें आठ प्रातों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस दौरान कई अहम बिंदुओं पर निर्णय होने की उम्मीद है।

पाच साल में गईं जानें : यूपी - 4,415

महाराष्ट्र - 2,136

मध्य प्रदेश - 1,385

गुजरात - 825

प. बंगाल - 793

बिहार - 775

तमिलनाडु - 654

आध्र प्रदेश - 605

दैनिक जागरण ने 28 अगस्त के अंक में उठाया था मुद्दा।


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