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सड़क हादसों में सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में, मरने वालों में सबसे ज्यादा 18-25 साल के युवा

Number of road accidents in Uttar Pradesh यूपी में सड़क हादसे कम होने का नाम ही नहीं ले रहे। जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी चिंता जताई है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 04:23 PM (IST)
सड़क हादसों में सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में, मरने वालों में सबसे ज्यादा 18-25 साल के युवा
आकंड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटना में प्रति वर्ष 23.05 फीसद मौत 18-25 आयु वर्ग के युवाओं की होती है।

लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। Number of road accidents in Uttar Pradesh देश में सड़क हादसों में लगातार छह साल से सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। हादसों में तो प्रदेश में कमी आयी है पर मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता रहा है। वर्ष 2021 में प्रदेश में 21,227 लोगों की मौत हुई। आकंड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटना में प्रति वर्ष 23.05 फीसद मौत 18-25 आयु वर्ग के युवाओं की होती है। यह युवा देश और अपने परिवार का भविष्य होते हैं।

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सड़क हादसों में मौतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने टीम नौ के सभी सदस्यों को स्कूल, कालेजों, सार्वजनिक स्थानों पर सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सड़क हादसों में कमी लाने के लिए शहर के अंदर और हाईवे पर अवैध पार्किंग में खड़े भारी वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करने। रोड इंजीनियरिंग कर सड़क की खामियां दुरस्त करने, ब्लैक स्पाट की व्यवस्थाएं ठीक कराने को कहा है।

80 फीसद मौते सिर पर गंभीर चोट लगने सेः 80 फीसद मौते सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई हैं। ट्रामा सेंटर से लेकर ट्रामा एपेक्स, बलरामपुर, लोहिया संस्थान समेत अन्य अस्पतालों में जो भी सड़क हादसे के घायल जाते हैं। इनमें से 80 फीसद के सिर में गंभीर चोट होती है। डाक्टरों और पोस्टमार्टम हाउस के विशेषज्ञों के मुताबिक सड़क हादसे के घायलों के मरने का भी सबसे अधिक कारण सिर की चोट होती है। इस लिए सिर को बचाने के लिए हेलमेट पहनना अति आवश्यक है। यह कहना है रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सुमित मिश्रा का।

इस गुणवत्ता का हो आपका हेलमेट और ऐसे पहनें

  • हेलमेट बीआइआएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) होना चाहिए।
  • या फिर आइएसआइ मार्का और 4151 स्टैंडर्ड का होना चाहिए।
  • हेलमेट की स्ट्रिप अवश्य बांधे। बिना स्टिप बांधे हेलमेट कतई न चलाएं।
  • हेलमेट पहनते समेय ठुड्ढी और स्ट्रिप में एक अंगूठे का गैप होना चाहिए।
  • हेलमेट के अंदर का कुसन ठीक होना चाहिए। वह टूटा न हो।
  • हेलमेट को तीन से चार साल में अवश्य बदल देना चाहिए। अगर वह सही हो तब भी।
  • अगर हेलमेट चटका या फटा हो तो उसका प्रयोग न करें।

सर्वाधिक युवाओं की सड़क हादसे में जाती है जान

     उम्र              फीसद

  • 18-25        23.05
  • 25-35        23.01
  • 35-45        18.06
  • 45-60        11.09
  • 60-अधिक   04.08
  • 18 वर्ष कम 12.00

लखनऊ में सड़क हादसों में मरने वालों ब्योरा

    वर्ष           मृतकों की संख्या

  • 2019     581
  • 2020     483
  • 2021     381

प्रदेश में सड़क हादसों में मरने वालों ब्योरा

वर्ष मृतकों की संख्या

  • 2015          17,666
  • 2016          19,320
  • 2017           20,124
  • 2018           22,256
  • 2019           22,655
  • 2020           21,156
  • 2021           21,227

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