जीएसटी से उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा फायदा, भ्रष्टाचार पर अंकुश
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा यूपी ो होगा।इससे कई वस्तुओं के दाम कम होंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने व्यापारियों को आश्वस्त किया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद राज्य सरकार उनका किसी भी तरह उत्पीडऩ नहीं होने देगी और व्यापारियों का बीमा भी पहले की तरह जारी रहेगा। डॉ. शर्मा ने जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को होने का हवाला देते हुए व्यापारियों को बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद कई वस्तुओं के दाम कम होंगे।
सचिवालय में व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा में उप मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से अपेक्षा की कि जिस तरह से विमुद्रीकरण के समय उन्होंने सरकार का सहयोग किया था, उसी तरह जीएसटी में भी वे साथ दें। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने का एक उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना भी है। जीएसटी के तहत सभी काम ऑनलाइन होंगे, जबकि अधिकारियों की विवेकाधीन शक्तियों में भी कमी की गई है, ताकि कोई अधिकारी व्यापारियों का उत्पीडऩ न कर सके। डॉ. शर्मा ने व्यापारियों को बताया कि जीएसटी के तहत जानबूझ कर फर्जी काम करते हुए दो करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी पर गिरफ्तारी का प्राविधान है, जबकि दो से पांच करोड़ रुपये की कर चोरी को जमानती व असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पांच करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी को गैर-जमानती तथा संज्ञेय अपराध बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों की संख्या केवल एक फीसद है और 99 प्रतिशत व्यापारी इसकी परिधि में नहीं आते हैं। डॉ.शर्मा ने उन्हें बताया कि जीएसटी लागू होने से भवन निर्माण, लोहा व इस्पात, सीमेंट, मोटर व दुपहिया वाहन, दवाएं, कोयला, बिस्कुट व रेडीमेड वस्त्रों सहित अन्य वस्तुओं के दाम में कमी आएगी। बैठक में व्यापारियों की ओर से रविकांत गर्ग, श्याम बिहारी मिश्र, बनवारी लाल कंछल, संदीप बंसल, हुलासराय सिंघल, श्याम बिहारी गुप्ता, संजय गुप्ता, मुकुल मिश्रा, अरुण कुमार अवस्थी व संत सिंह बग्गा सहित अन्य शामिल थे। उप मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अपर मुख्य सचिव संस्थागत वित्त राजेंद्र कुमार तिवारी व निदेशक सूचना अनुज कुमार झा के साथ जीएसटी के अधिकारी भी मौजूद थे।
यह रखीं मांगें
व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा से जीएसटी को सरल, पारदर्शी व व्यावहारिक बनाने की मांग की है। साथ ही व्यापारियों को सजा की व्यवस्था को समाप्त करने, सभी व्यापारियों पर ई-वे बिल लागू न करने, मैनुअल व्यवस्था चालू रखने, महीने में तीन रिटर्न दाखिल करने की जगह तिमाही रिटर्न की व्यवस्था करने, जीएसटी जमा न करने पर विक्रेता को जिम्मेदार मानने और मंडी शुल्क को जीएसटी में शामिल करने की मांग भी व्यापारियों ने उप मुख्यमंत्री के सामने रखीं।