लोहिया संस्थान में लगेगी प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन, ब्रेन ट्यूमर-हेड इंजरी का बेहतर इलाज
लोहिया संस्थान में एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर बनेगा। गामा नाइफ मशीन पर मुहर लगेगी। ब्रेन ट्यूमर हेड इंजरी की बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया संस्थान में एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर बनेगा। वहीं, प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन भी लगेगी। शासन ने गुरुवार को दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। ऐसे में ब्रेन ट्यूमर, हेड इंजरी समेत अन्य बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा।
लोहिया संस्थान की गवर्निंग बॉडी की बैठक मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे व निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी मौजूद रहे। इस दौरान एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर की स्थापना पर मुहर लगाई गई। वहीं प्रदेश की पहली गामा नाइफ लगाने पर भी मुहर लगी। सरकार इसे न्यूरो का स्टेट मॉडल सेंटर बनाएगी।
छह मंजिल भवन, भूतल पर इमरजेंसी
संस्थान में चार मंजिला न्यू ब्लॉक भवन बना है। इसको छह मंजिल किया जाएगा। इसमें भूतल समेत दो और फ्लोर न्यूरो साइंस सेंटर के लिए होंगे। भूतल पर न्यूरो ट्रॉमा व न्यूरो इमरजेंसी रन होगी।
90 बेड, न्यूरो सर्जरी-न्यूरोलॉजी एक साथ
मरीजों को न्यूरो का संर्पूण इलाज एक छत तले मिलेगा। 180 बेड के प्रस्तावित सेंटर में प्रथम चरण में 90 बेड होंगे। इसमें न्यूरोलॉजी-न्यूरो सर्जरी के सेंटर में 45-45 बेड होंगे। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं होगा।
ओटी कॉम्प्लेक्स बनेगा
न्यू ब्लॉक में एक फ्लोर पर ओटी कॉम्प्लेक्स बनेगा। इसमें तीन ओटी न्यूरो सेंटर की होंगी। यह 24 घंटे रन करेंगी। ये सभी मॉड्यूलर ओटी होंगी। इसमें हेड इंजरी, स्पाइन सर्जरी यूनिट व ब्रेन ट्यूमर सर्जरी यूनिट होंगी। इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक के इलाज की यूनिट 24 घंटे रन करेगी।
अभी डॉक्टर-बेडों की संख्या
संस्थान के न्यूरो सर्जरी में अभी 20 बेड का वार्ड है। साथ ही 10 बेड का आइसीयू है। वहीं चार फैकल्टी व आठ के करीब रेजीडेंट हैं। वहीं न्यूरोलॉजी में पांच फैकल्टी के पद हैं, तीन वर्किंग में हैं। 12 रेजीडेंट हैं। विभाग में 30 बेड हैं।
नए विभागों को मिलेंगे 150 बेड
भवन में दो फ्लोर नए बनेंगे। इन पर पर अलग-अलग विभाग होंगे। नए विभागों को 150 बेड आवंटित किए जाएंगे। यह एमसीआइ के मानकों के हिसाब से तय होंगे।
30 करोड़ की मशीन, छोटे ट्यूमर पर होगा वार
गामा नाइफ की मशीन जल्द आएगी। मशीन पर करीब 30 करोड़ रुपये खर्च होगा। वहीं 3.2 करोड़ रुपये का बंकर बनेगा। गामा नाइफ मशीन ब्रेन में ऐसे छोटे ट्यूमर पर सटीक वार कर सकती है, जहां पर ऑपरेशन संभव नहीं है। इसमें गामा किरणों की डोज दी जाती है। इससे रक्तवाहिकाओं को नुकसान नहीं होता है। यह इलाज रेडिएशन अंकोलॉजी व न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक मिलकर करते हैं। इसमें मरीज की फ्रेमिंग व इमेजिंग कर रेडिएशन दिया जाता है।
संस्थान पर एक नजर
- अभी कुल 1072 बेड हैं। इसमें 350 सुपर स्पेशलियटी के हैं
- संस्थान में कुल 40 विभाग, 36 क्रियाशील हैं
- 135 संकाय सदस्य, 89 एसआर, 81 जेआर, 254 स्थाई कर्मचारी।