यूपी को एक और बड़ी उपलब्धि, ग्रेटर नोएडा में बनेगा पहला डेटा सेंटर; सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी मंजूरी
मुंबई के हीरानंदानी समूह ने ग्रेटर नोएडा में यूपी का पहला डेटा सेंटर बनाने का फैसला लिया है। खास बात यह है कि 600 करोड़ रुपये की इस परियोजना में निवेश के लिए सरकार को दस हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। औद्योगिकीकरण की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे उत्तर प्रदेश के हिस्से में एक और उपलब्धि आई है। मुंबई के हीरानंदानी समूह ने ग्रेटर नोएडा में प्रदेश का पहला डेटा सेंटर बनाने का फैसला लिया है। समूह के इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि 600 करोड़ रुपये की इस परियोजना में निवेश के लिए सरकार को दस हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी समूह ने मुंबई, चेन्नई व हैदराबाद में इस तरह के डेटा सेंटर बनाने के बाद अब यूपी का रुख किया है। डेटा सेंटर को लेकर अन्य कई कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। ग्रेटर नोएडा में करीब 20 एकड़ भूमि पर डेटा सेंटर बनाया जाना प्रस्तावित है। इससे युवाओं को रोजगार का बड़ा अवसर मिलेगा। इसके साथ ही अन्य जगहों पर काम कर रही आइटी कंपनियों को भी कारोबार में मदद मिलेगी।
अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डेटा सेंटर पार्क होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना को हाथों हाथ लेते हुए अधिकारियों को निर्देश देकर जमीन की व्यवस्था भी कर दी है। डेटा सेंटर बनने के बाद दूसरे राज्यों में चल रही कंपनियों को भी यूपी से जोड़ा जा सकेगा।
इस परियोजना में निवेश के लिए रैक बैंक, अडानी समूह व अन्य कंपनियों ने 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को दिया है। चूंकि डेटा सेंटर में बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसलिए इसे ओपेन एक्सेस से बिजली दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि अभी पर्याप्त डेटा सेंटर न होने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों से डेटा विदेशों में रखे जाते हैं। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अपने देश में ही अपने डेटा को सुरक्षित रखने की सुविधा बढ़ जाएगी।
अलग नीति बनाएगी सरकार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ समय से देश भर में इस तरह के डेटा सेंटर बनाने की योजना पर काम हो रहा है। योगी सरकार डेटा सेंटर के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए अलग नीति भी बना रही है।
यह होगा डेटा सेंटर का लाभ : डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। इसके जरिए बड़ी मात्रा में डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है। यूपी में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं। इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डेटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल होता है। इसके अलावा बैंकिंग, खुदरा व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डेटा भी अहम है।