उत्तर प्रदेश ने बनाया पौधारोपण का अनूठा विश्व रिकॉर्ड, गिनीज बुक ने दर्ज किया नाम
यूपी के आठ जिलों में एक साथ 240 प्रजातियों के 12-12 पौधे रोपने पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के नाम रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पौधारोपण का अनूठा विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है। आठ जिलों में एक साथ 240 प्रजातियों के 12-12 पौधे रोपने पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के नाम रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है। वन विभाग का यह पांचवां विश्व रिकॉर्ड है। गिनीज बुक ने गुरुवार को विभाग को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भेज दिया है।
उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने मंगलवार 28 जुलाई को एक साथ आठ जिलों लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बांदा व चित्रकूट में एक साथ 240 प्रजातियों के पौधे लगाए थे। यह पौधारोपण सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच हुआ। प्रत्येक स्थल पर टीम लीडर, सह टीम लीडर, प्रतिभागीगण व दो निष्पक्ष गवाह भी थे। पूरे कार्य की अलग-अलग वीडियो कैमरे से रिकॉर्डिंग भी की गई। सभी के साक्ष्य गिनीज बुक को भेजे गए थे।
साक्ष्यों का ऑनलाइन परीक्षण करने के बाद गुरुवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने वन विभाग को सर्टिफिकेट की सॉफ्ट कॉपी भेज दी है। इस क्षेणी में यह कीर्तिमान विश्व में पहली बार बनाया गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने 150 प्रजातियों का मानक तय किया था, लेकिन वन विभाग ने 240 प्रजातियों का रोपण कर रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए वन विभाग ने पूरी सावधानी बरतते हुए यह सफलता हासिल की है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष राजीव कुमार गर्ग ने बताया वन विभाग की टीम के समक्ष 240 प्रजातियों का चयन और इन प्रजातियों के पौधों के लिहाज से उपयुक्त जगह तलाशना एक बड़ी चुनौती थी। विभागाध्यक्ष ने बताया कि अभी रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मिली है। मूल प्रति मिलने पर वन मंत्री दारा सिंह चौहान उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे।
चार रिकॉर्ड पहले ही हो चुके हैं दर्ज
- 1. 31 जुलाई 2007 : एक दिन में एक करोड़ पौधारोपण
- 2. सात नवंबर 2015 : दस स्थानों पर आठ घंटे में 10 लाख से अधिक पौधों का वितरण
- 3. 11-12 जुलाई 2016 : चौबीस घंटे में 5.041 करोड़ पौधारोपण
- 4. नौ अगस्त 2019 : प्रयागराज में सर्वाधिक 76,824 पौधों का वितरण