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मंकीपाक्स को लेकर उत्तर प्रदेश भी सतर्क, जल्द से जल्द गाइडलाइन तैयार करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

Monkeypox मंकीपाक्स को लेकर उत्तर प्रदेश पूरी तरह सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन तैयार करने में जुटा हुआ है। इसके संक्रमण से उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों की टीम भी गठित की जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 12:49 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 12:54 AM (IST)
मंकीपाक्स को लेकर उत्तर प्रदेश भी सतर्क, जल्द से जल्द गाइडलाइन तैयार करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
मंकीपाक्स को देखते हुए उत्तर प्रदेश पूरी तरह सतर्क हो गया है।

लखनऊ, जेएनएन। अफ्रीका के बाद कई देशों में फैले मंकीपाक्स को देखते हुए उत्तर प्रदेश पूरी तरह सतर्क हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे लेकर दी गई चेतावनी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन तैयार करने में जुटा हुआ है। इसे लेकर बुधवार को बैठक भी आयोजित की जाएगी। मंकीपाक्स प्रभावित देशों से आ रहे लोगों पर सर्विलांस टीम की मदद से नजर रखी जाएगी। एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ाई जा रही है।

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फिलहाल इसे लेकर विशेषज्ञों की टीम भी गठित की जा रही है। भारत में अभी तक एक भी केस नहीं मिला है। ऐसे मंकीपाक्स के संक्रमण से उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। मालूम हो कि मंकीपाक्स चेचक वायरस परिवार से संबंधित है। मंकीपाक्स के संक्रमण में बुखार के साथ-साथ शरीर पर दाने निकल आते हैं। मांसपेशियों व पीठ में दर्द होता है।

मंकीपाक्स वायरस को लेकर इस वक्त पूरी दुनिया में चिंताजनक स्थिति देखी जा रही है। गनीमत है हमारे देश में अभी तक कोई इसका केस नहीं मिला है। इसके बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। नेशनल चेस्ट सेंटर के डायरेक्टर की ओर से मंकीपाक्स के बारे में आईडीएसपी के जरिए सभी जानकारियां देते हुए दिशा-निर्देश भी दिए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा अपडेट के अनुसार अब तक यूरोप, आस्ट्रेलिया और अमेरिका सहित 12 देशों में कम से कम 92 मंकीपाक्स वायरस के मामले मिले हैं तथा इनके अतिरिक्त 28 संदिग्ध मामले हैं। भारत भी इसे लेकर सतर्क हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को अन्य देशों से सामने आ रहे मंकीपाक्स के मामलों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। पिछले 21 दिनों में प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले सभी संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

चिकित्सकों के अनुसार मंकीपाक्स एक आर्थोपाक्सवायरस है, जो चेचक के समान तो है, लेकिन उससे कम गंभीर है। मंकीपाक्स वायरस पाक्सविरिडे फैमिली के आर्थोपाक्सवायरस जीन से संबंधित है। 1958 में बंदरों में दो चेचक जैसी बीमारियों का पता लगा था, उनमें से ही एक मंकीपाक्स था।


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