पटरी दुकानदारों को एक साल के लिए मिलेगा 10 हजार कर्ज, यूपी में जुलाई से शुरू होगी कर्ज देने की प्रक्रिया
यूपी के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने सोमवार को बताया कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की शुरुआत हो गई है।
लखनऊ, जेएनएन। शहरी पटरी दुकानदारों को 10 हजार रुपये का कर्ज एक साल के लिए दिया जाएगा। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से इस योजना की शुरुआत की। यूपी में इसी महीने काम शुरू करते हुए जुलाई से कर्ज देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने सोमवार को बताया कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि)' योजना की शुरुआत हो गई है। योजना का मकसद लॉकडाउन से प्रभावित पटरी दुकानदारों की आजीविका में सुधार लाने लिए अनुदान आधारित कर्ज देना है। उत्तर प्रदेश में इसका काम शुरू हो गया है। शीघ्र ही सहभागी बैंकिग संस्थाओं के साथ राज्य स्तर पर बैठक कर कर्ज बांटने की योजना को अंतिम रूप दिया जएगा। एक जुलाई से कर्ज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया है कि 24 मार्च 2020 से पहले शहरी क्षेत्रों में फुटपाथ पर कारोबार करने वाले योजना का लाभ पाएंगे। इसके लिए नगर निकाय से विक्रय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र प्राप्त करने वाले या फिर वह पथ विक्रेता पात्र होंगे जो नगरीय निकायों के सर्वे सूची में शामिल हैं किंतु उन्हें प्रमाण पत्र व पहचान पत्र नहीं मिल पाया है। नगरीय निकाय के सर्वे में छूट जाने वाले व सर्वे के बाद कारोबार शुरू करने वालों को नगरीय निकाय, टाऊन वेडिंग कमेटी द्वारा सिफारिश पत्र जारी किया गया हो। साथ ही शहरी क्षेत्रों के आस-पास के विकास परिनगरीय ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय निकायों की भौगोलिक सीमा के भीतर बिक्री कर रहें हों और उन्हें नगरीय निकाय, टाऊन वेडिंग कमेटी द्वारा सिफारिश पत्र जारी किया गया हो।
ब्याज पर सब्सिडी देगी केंद्र सरकार : इस योजना के तहत कर्ज लेने वाले लाभार्थियों को ब्याज पर सब्सिडी केंद्र सरकार प्रदान करेगी। इसके तहत 10 हजार रुपये का कर्ज एक साल के लिए दिया जाएगा। समय पर या समय से पहले कर्ज वापसी पर सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से सब्सिडी केंद्र सरकार देगी। कर्ज की नियमित वापसी, डिजीटल लेन-देन पर मासिक नगदी वापसी (कैश बैक) को प्रोत्साहित किया जाएगा। पहले कर्ज की समय पर वापसी पर अधिक ऋण कार्यशील पूंजी लेने के लिए पथ विक्रेता पात्र होगा। शहरी पथ विक्रेताओं को अनुसूचित वाणिज्यक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियां, सूक्ष्म वित्त संस्थाएं अपने बैकिंग एजेंट, सूक्ष्म-वित्त संस्था (एमएफआई) के एजेंट से संपर्क कर मोबाइल एप, पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने में मदद करेंगे।
अब तक तीन लाख चिह्नित : उत्तर प्रदेश के सभी 707 नगरीय निकायों (17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद व 490 नगर पंचायत) में इसे लागू किया जाएगा। सभी निकायों में टाऊन वेडिंग कमेटी का गठन हो गया है। लगभग तीन लाख पथ विक्रेता चिह्नित हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर के आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी एकत्र कर ली गई है।