सड़क सुरक्षा के उपाय अपनाने में नगरीय निकाय फिसड्डी, निदेशालय ने जताई आपत्ति
उत्तर प्रदेश में दुर्घटना रोकने के उपायों के लिए निकाय नहीं दे रहे अपने यहां कराए गए कार्यों का ब्यौरा स्थानीय निकाय निदेशालय ने जताई नाराजगी।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:22 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़क सुरक्षा के उपाय अपनाने में नगरीय निकाय फिसड्डी साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित सड़क सुरक्षा परिषद ने नगरीय निकायों को जो उपाय अपनाने के निर्देश दिए थे, उन पर एक साल बीतने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय निकाय निदेशालय ने जब निकायों से किए गए कार्यों की सूचना मांगी तो उन्होंने आधी-अधूरी सूचना भेज दी। निदेशालय ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने भी प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता जाहिर की है। सड़क सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक वर्ष 2019 में 11 जून व 11 जुलाई को हुई थी। स्थानीय निकाय निदेशालय ने इस बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में सड़क सुरक्षा के तहत कराए गए कार्यों की जानकारी इस साल छह मार्च व 19 जून को मांगी थी। इसके लिए बकायदा प्रारूप भी भेजा गया था, लेकिन नगरीय निकायों ने आधी अधूरी सूचना भेज दी। इस पर स्थानीय निकाय निदेशक डॉ.काजल ने नाराजगी जताते हुए तत्काल सूचनाएं भेजने के निर्देश एक बार फिर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और इसमें जान गंवाने वालों की संख्या में न्यूनतम 10 फीसद की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पर निकायों ने क्या कार्य किया इसकी भी जानकारी मांगी गई है। जिन ङ्क्षबदुओं की सूचना मांगी गई है, उनमें सड़क दुर्घटना बहुल क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां अपनाए गए उपायों की जानकारी दी जानी है। इसके अलावा सड़क किनारे संचालित अवैध ढाबों की संख्या व उन्हें हटाने के लिए अब तक हुई कार्रवाई को भी बताना है। शहरों में सड़कों की स्थिति के साथ ही पुलों व पुलियों की संख्या के साथ मरम्मत का ब्यौरा मांगा गया है।
सरकार ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की प्रगति की जानकारी भी नगरीय निकायों से मांगी है। इसी तरह नगरीय निकायों में बेसहारा पशुओं को सड़क पर घूमने से रोकने के लिए की गई कार्रवाई की बाबत पूछा गया है। शहरों में ऐसी जगह होर्डिंग लगाने के लिए कहा गया था, जिससे वाहन चलाने वालों का ध्यान न भटके। इसका भी ब्यौरा सरकार ने मांगा है, लेकिन निकायों ने इसकी सूचना अब तक नहीं दी।
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