Coronavirus : घरों में दूध की आपूर्ति कराएंगे नगरीय निकाय, दुग्ध संघों के नोडल अफसरों संग करेंगे काम
Coronavirus उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान शहरों में दूध व दुग्ध उत्पादों की घरों तक आपूर्ति कराने की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंपी है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान शहरों में दूध व दुग्ध उत्पादों की घरों तक आपूर्ति कराने की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंपी है। राज्य सरकार ने इसके लिए हर जिले में दुग्ध संघों के नोडल अफसर नामित किए हैं। यह अफसर नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों के साथ मिलकर घरों में आपूर्ति कराएंगे।
प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने इसके आदेश सभी जिलाधिकारियों के साथ ही नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को भेज दिए हैं। इसमें कहा गया है कि दुग्ध संघों के पास सीमित मैनपावर है, इसलिए इस काम में नगरीय निकाय हाथ बंटाएंगे। स्थानीय निकाय अपने क्षेत्र में जनता से सीधे जुड़कर पहले से ही जनसुविधा के कार्य कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने बताया कि नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारी अपने नगरीय क्षेत्र में दुग्ध संघों के नोडल अफसरों के साथ समन्वय कर नागरिकों को दूध व उनके उत्पादों को घर पर ही दिलाने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों को दूध की सप्लाई के लिए पराग डेयरी के अलावा अमूल, नमस्ते इंडिया, ज्ञान, पारस के साथ ही निजी डेयरियों व दूधियों को भी लगाया गया है। नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त एवं नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी इस जिम्मेदारी को संभालेंगे।
समितियों से दूध लाने की उचित व्यवस्था हो
दूध समितियों से दूध एकत्रीकरण की व्यवस्था सुधारने के निर्देश देते हुए दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मीनारयण चौधरी ने कहा है कि आम जनता को समय से सुरक्षित दूध उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन दुग्ध संघों अथवा अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों के साथ आम जनता को समय से दूध आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।
दूध भंडारण बना समस्या
दूध को लेकर दोहरा संकट उत्पन्न हो गया है। एक ओर जहां शहरी क्षेत्रों में दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से दूध उपभोक्ता या डेरी प्लांट तक पहुंच नहीं पा रहा। ग्रामीण क्षेत्रों से दूध् लेकर आने वाले दूधियों को रोकने की शिकायतेें आम होने की जानकारी देते हुए दूध विक्रेता संघ के संयोजक लोकेश अग्रवाल का कहना है कि सरकारी व निजी क्षेत्र के डेरी प्लांट संचालक भी अपने कलेक्शन सेंटरों से नियमित दूध नहीं उठा रहे हैैं। इससे दूध बेचने वाले पशुपालकों के लिए भंडारण की समस्या बनी है।