लॉकडाउन अवधि में खड़े रहे वाहनों को मिलेगी पेनाल्टी से राहत, परिवहन विभाग कर रहा तैयारी
कमर्शियल वाहनों को परिवहन विभाग यात्रीकर और पेनाल्टी माफ किए जाने को लेकर भेजा गया प्रस्ताव।
लखनऊ, जेएनएन। लाॅकडाउन अवधि के दौरान न चलने वाले यात्री और कमर्शियल वाहनों को परिवहन विभाग पेनाल्टी एवं यात्री कर से राहत दे सकता है। वाहन स्वामियों की मांग पर विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। मंजूरी मिली तो प्रदेश में चल रहे तकरीबन 15 लाख वाहन स्वामियों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
व्यवसायिक वाहन स्वामियों का मानना है कि कोरोना काल के चलते जब वाहन सड़कों पर चले ही नहीं तो टैक्स देने का औचित्य क्या है। नियमों में भी गाड़ी संचालन का ही हवाला दिया गया है। बिना कमाई के टैक्स देना मुश्किल है। ऐसे में इस अवधि के टैक्स और पेनाल्टी राशि माफी पर शासन विचार करे।
ये है नियम
नियमत: कमर्शियल वाहन चलाने वाले वाहनस्वामी को यात्री कर मासिक और त्रैमासिक भुगतान करना होता है। महीने की 15 तारीख से पहले टैक्स जमा हो जाना चाहिए नहीं तो वाहन स्वामियों को निर्धारित समय बीतने के बाद पेनाल्टी देनी होती है।
पेनाल्टी का प्रावधान
अगर मासिक या त्रैमासिक टैक्स वाहन स्वामी ने जमा नहीं किया है तो गाड़ी के कुल टैक्स का पांच फीसद धनराशि बतौर पेनाल्टी देनी होती है। इसके लिए भी एक समय सीमा निर्धारित है। लाॅकडाउन अवधि के करीब दो माह बीतने को हैं।
इस तरह के वाहन होंगे दायरे में
ऑटो, विक्रम, टैक्सी, ओला उबर, बस और मालवाहक वाहन मुख्यत: इनमें शामिल होंगे।
उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि वाहनस्वामी टैक्स और पेनाल्टी माफी के लिए चक्कर लगा रहे हैं। संभागीय परिवहन कार्यालयों में भी कर जमा नहीं हुआ है। वाहनस्वामियों की मांग को देखते हुए इसे उच्चाधिकारियाें को अवगत करा दिया गया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। विचार होते ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।