उत्तर प्रदेश में रहा भारत बंद का मिला-जुला असर, जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बीच बवाल
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में आज मैनपुरी में भारत बंद के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने ट्रेन को रोका है। उधर महानगरों में पुलिस इस बड़े विरोध के कारण हाईअलर्ट पर है।
लखनऊ (जेएनएन)। एससी-एसटी कानून के विरोध में सवर्ण समाज गुरुवार को सड़कों पर उतरा और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया। भारत बंद के दौरान राजधानी लखनऊ में इसका आंशिक असर दिखा लेकिन, अन्य जिलों में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बंदी का मिला-जुला असर देखने को मिला। इस दौरान वाराणसी, हरदोई, रायबरेली, कानपुर और अलीगढ़ में हंगामा हुआ तो बलरामपुर, बांदा और आगरा में ट्रेन रोककर विरोध जताया गया। बलिया में उग्र भीड़ ने पुलिस जीप को क्षतिग्रस्त कर दिया। छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ को अनियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का सहारा लेना पड़ा। कई राउंड हवाई फायङ्क्षरग करनी पड़ी।
लखनऊ के इटौंजा में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक दुकान में तोडफ़ोड़ की। हरदोई कलेक्ट्रेट में अधिवक्ताओं ने गोले दागे। कुछ लोगों ने एक दुकानदार को पीट दिया जिस पर अनुसूचित जाति के लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस चौकी घेर ली। रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, श्रावस्ती में बाजार पूरी तरह बंद रहे। इलाहाबाद में सवर्ण व पिछड़ी जाति के संगठनों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया। प्रमुख बाजार में दुकानें बंद रहीं। कटरा बाजार जबरन बंद कराया गया। प्रयाग स्टेशन पर इंटरसिटी ट्रेन रोककर नारेबाजी की। वहीं, तीर्थपुरोहितों ने संगम क्षेत्र में बुद्धि-शुद्धि यज्ञ कर मोदी सरकार से एससी/एसटी एक्ट वापस लेने की मांग की।
वाराणसी शहर में भेलूपुर, सिगरा व छावनी क्षेत्र स्थित मॉल को प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती बंद करवा दिया। दुकानदारों व हिंदू संगठनों के कुछ युवकों के बीच मारपीट में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। बाबतपुर में लोगों ने एक सिपाही को पीट दिया। बंद-समर्थकों का गुस्सा सर्वाधिक बलिया के रसड़ा रोड पर जाम किए जाने के दौरान फूटा। बलिया के चिलकहर में रेलवे स्टेशन के समीप लगभग तीन घंटे तक बवाल मचा रहा। जाम खुलवाने को लेकर पुलिस-प्रशासन के अफसरों से वार्ता के दौरान पथराव के साथ स्थिति बिगड़ गई। चंदौली में नारेबाजी करते हुए लोग रेल पटरी पर लेट गए।
उन्होंने दो मालगाड़ी व अजमेर सियालदह एक्सप्रेस को रोक दिया। मीरजापुर के गैपुरा में जाम लगा रहे आंदोलनकारियों से झड़प के दौरान एक युवक ने पिस्टल से फायरिंग कर दी, जिससे अफरातफरी का माहौल रहा। दानापुर रेल मंडल में कुल 11 जगहों पर ट्रेनें रोकी गईं। कानपुर में व्यापारियों ने लखनऊ जा रही आगरा इंटरसिटी के इंजन पर चढ़कर आगे बढऩे से रोक दिया। आरपीएफ ने उन्हें समझाबुझाकर नीचे उतारा। मानिकपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके गए।
मेरठ और आसपास के जिलों में भारत बंद का खास असर दिखा। अलीगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के होर्डिंग व पोस्टर फाड़े। पुलिस से धक्का-मुक्की की। आगरा में दुकानें बंद कराने को लेकर हुए विवाद के बाद अनुसूचित जाति के दुकानदारों ने प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया। मथुरा, एटा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और हापुड़ में मिलाजुला असर रहा।
भाजपा विधायक भी सड़क पर
अपनी सरकार के विरोध में अक्सर बयान देने वाले बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह भी एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ हैं। उन्होंने जुलूस में युवाओं के साथ भागीदारी की। विधायक ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की वजह से विधायक नहीं चुना गया हूं। यदि सवर्ण समाज के लोग कहेंगे तो अपने पद से इस्तीफा भी दे दूंगा। एक्ट में बदलाव किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। यह सवर्णों के साथ धोखा है।
अधिवक्ताओं को नोटिस
भारत बंद में शामिल होने वाले अधिवक्ताओं को गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने नोटिस जारी किया है। एसोसिएशन ने पूछा है कि आप सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सदस्यता रद करते हुए आवंटित चैंबर निरस्त क्यों न किए जाएं।
भाजपा सभी वर्गों का ख्याल रखने वाली पार्टी है। एससी-एसटी एक्ट में कोई संशोधन नहीं हुआ है, इसका पुराना स्वरूप ही रखा गया है। इसके विरोध में बंद नहीं करना चाहिए। कुछ सियासी दल भाजपा को बदनाम कर अपने स्वार्थ पूरे करना चाहते हैं।
-रामशंकर कठेरिया, अध्यक्ष एससी आयोग व सांसद
भारत बंद का असर कई जिलों में देखने को मिल रहा है। आगरा के साथ मैनपुरी में प्रदेशनकरियों ने ट्रेन रोक दी। इटावा डीएमयू ट्रेन को थाना पिनाहट इलाके में भदरौली के पास रोका गया है। आगरा जिले में बंद को देखते हुए निजी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। कलेक्ट्रेट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का दौरा भी रद हो गया है। यहां पर अधिवक्ता संघ ने बंद का समर्थन किया है।
औरैया जिले में एससीएसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज के संगठनों ने बाजार बंद करा दिया। जिले में भारत बंद असर दिख रहा है। औरैया तहसील में पूरी तरह बंद है। व्यापार मंडल व सवर्ण समाज ने जुलूस निकालकर विरोध जताया है।
भदोही में भी भारत बंद को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। प्रमुख बाजारों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। रेलवे स्टेशन पर भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगाई गई है। एटा में भी सवर्ण समाज के साथ पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने भी बंद का समर्थन किया है। औरैया में भी इस एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज के संगठनों ने बाजार बंद किया है। जिले में दिबियापुर, औरैया तहसील में जबरदस्त बंद है। इसके साथ व्यापार मंडल व सवर्ण समाज ने जुलूस निकालकर विरोध जताया है। बंदी के कारण सन्नाटा पसरा है। यहां पर व्यापारियों ने बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के साथ ही केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने के विरोध में स्वर्णो ने भारत बंद का एलान किया है। भारत बंद को देखते हुए जिला मुख्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।
अलीगढ़ में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद का हाथरस व अलीगढ़ में मिला जुला असर रहा। अलीगढ़ में कुछ दुकानें खुली हैं तो कुछ बंद है। सुबह कई बाजार पूरी तरह बंद थे। प्रदर्शन की संभावना के चलते सांसद के कार्यालय पर पुलिस तैनात है। जिले के अकराबाद, इगलास में बंद सफल है। हाथरस शहर में बंद मिला जुला है। चक्किबाजार में व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। सिकन्दराराऊ में धरना दिया गया। सादाबाद के डाकखाना रोड पर लोगों ने प्रदर्शन किया। सहपऊ, सासनी व मुरसान में अधिकांश दुकानें अभी बंद हैं।
आगरा में एससी/एसटी एक्ट के विरोध में आयोजित भारत बंद के दौरान खंदौली कस्बा में यमुना एक्सप्रेस वे पर ग्रामीणों ने जाम लगाया। वाहनों की कतार लगी। आगरा मंडल के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और अलीगढ़ मंडल के एटा, कासगंज में भारत बंद का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है। कारोबारियों ने स्वेच्छा से ही अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा है। आगरा के कस्बा पिनाहट के भदरौली रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने पैसेंजर ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया। उधर मैनपुरी में भोगांव के मोटा स्टेशन पर भी ट्रेन रोके जाने की सूचना है। फीरोजाबाद और टूंडला में व्यापारियों ने जलूस निकाल सरकार विरोधी नारे लगाए। बंद शांतिपूर्ण ढंग से स्वतःस्फूर्त चल रहा है। फिलहाल कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में तमाम सवर्ण संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है। जिसके मद्देनजर राजधानी लखनऊ समेत मेरठ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, बरेली तथा इलाहाबाद को हाईअलर्ट पर रखा गया है। सूबे में इसी वर्ष दो अप्रैल को एससी/एसटी में बदलाव को लेकर दलितों ने भारत बंद बुलाया था। उस दौरान जमकर हिंसा, आगजनी और तोडफ़ोड़ हुई थी। इसी को लेकर हर जगह पर प्रशासन ने सभी जिलों को सतर्क रहने को कहा है। इलाहाबाद के साथ वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, मथुरा, मेरठ, हापुड़, कासगंज व मुजफ्फरनगर समेत तमाम जिलों के पुलिस कप्तानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिया गया है। लखनऊ में प्रशासन हाई अलर्ट पर है। यहां हजरतगंज सहित तमाम जगहों पर फोर्स तैनात है। वाराणसी में सवर्णों के भारत बंद के आह्वान पर आधा दर्जन से अधिक संगठन सड़कों पर उतर गए हैं। बीएचयू के हैदराबाद गेट को लोगों ने जाम कर दिया। यहां पर तो हर चौराहे पर फोर्स की तैनाती की गई है।
लखनऊ में भारत बंद का लखनऊ में आंशिक असर
लखनऊ में एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद को लेकर राजधानी में आंशिक असर नजर आया। शहर के कई प्रमुख बाजारों में साप्ताहिक बंदी होने के चलते दुकानें नहीं खुली वहीं दूसरे बाजारों में अधिकतर दुकानें खुली रहीं। सरकारी कार्यालयों और निजी प्रतिष्ठानों में भी बंदी का कोई खास असर नजर नहीं आया। सरकारी कार्यालयों में उपस्थित करीब-करीब सामान्य रही और स्कूल-कॉलेज भी खुले। प्रशासन ने किसी तरह के उपद्रव को रोकने के लिए पहले से ही विधानसभा और उसके आसपास धारा 144 लगा रखी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का कहना है स्थिति पूरी तरह सामान्य है।