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UPPCL PF Scam : एपी मिश्र, सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच

UPPCL PF Scam विजिलेंस ने ईओडब्ल्यू से पीएफ घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज लिए हैं। ईओडब्ल्यू की पड़ताल में अधिकारियों के खिलाफ अहम साक्ष्य जुटाए जाने का दावा किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 10:42 AM (IST)
UPPCL PF Scam : एपी मिश्र, सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच
UPPCL PF Scam : एपी मिश्र, सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच

लखनऊ, जेएनएन। बिजली कर्मियों के करोड़ों के भविष्य निधि घोटाले (UPPCL PF Scam) के मामले में आरोपित पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच भी हो रही है। तीनों आरोपितों की आय से अधिक संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ने आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) से पीएफ घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज भी लिए हैं।

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ईओडब्ल्यू ने पीएफ घोटाले में तीन आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। ईओडब्ल्यू प्रकरण में मनी लांड्रिंग के तथ्य सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी संपर्क कर चुकी है। डीजी ईओडब्ल्यू डॉ.आरपी सिंह ने ईडी के निदेशक से वार्ता की थी और ईडी को एफआइआर व कई अहम दस्तावेज भेजे गए थे। इससे पीएफ घोटाले के आरोपितों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। विजिलेंस की जांच में एपी मिश्र, सुधांशु द्विवेदी व पीके गुप्ता की बेनामी संपत्तियां सामने आ सकती हैं।

ईओडब्ल्यू की पड़ताल में तीन आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कई अहम साक्ष्य जुटाए जाने का दावा किया गया है। सूत्रों का कहना है कि निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) में निवेश कराने के बदले दिए गए करोड़ों के कमीशन के बारे में पहले ही अहम जानकारियां मिल चुकी हैं। कमीशन के खेल में सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे अभिनव की अहम भूमिका रही है। ईओडब्ल्यू ब्रोकर फर्मों के खातों की भी गहनता से जांच कर रही है। कमीशन की रकम जिन-जिन खातों में ट्रांसफर की गई है, उनके जरिए आरोपितों के खिलाफ सीधे साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

मामले में ईओडब्ल्यू अब तक कुल 12 आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है। बता दें कि  4122.70 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने इस मामले की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंप दी थी। प्रकरण की सीबीआइ जांच कराए जाने की सिफारिश भी की गई थी।


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