UPPCL PF Scam : EOW ने दो और आरोपितों को पकड़ा, ब्रोकर फर्मों को दिए कमीशन की जांच के दौरान फंसे
UPPCL PF Scam आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ने दो और आरोपितों को पकड़ा है। एक ब्रोकर कंपनी के अधिकारी आलोक गर्ग और महेश गुप्ता से लंबी पूछताछ की गई।
लखनऊ, जेएनएन। बिजली विभाग में हुए भविष्य निधि घोटाले (UPPCL PF Scam) में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने दो और आरोपितों को पकड़ा है। एक ब्रोकर कंपनी के अधिकारी आलोक गर्ग और महेश गुप्ता से लंबी पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि ब्रोकर फर्मों को दिए गए कमीशन के बैंक खातों की जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई थी। घोटाले में अब तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार की जा चुका है।
पीएफ घोटाले की जांच में फर्जी खातों का खेल सामने आने के बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) अब कई अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। ब्रोकर फर्मों को मिली कमीशन की रकम का बड़ा हिस्सा फर्जी खातों में भी ट्रांसफर हुआ था। फर्जी खातों से वह रकम दूसरे खातों में भेजी गई थी। इसी जांच के दौरान इन दो आरोपितों को पकड़ा गया है।
आरोपपत्र तैयार करने की तैयारी
पीएफ घोटाले में आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार किए जाने की प्रकिया भी शुरू हो गई है। ईओडब्ल्यू को हालांकि कुछ फोरेंसिक रिपोर्ट के मिलने का इन्तजार है। अब तक जुटाए गए दस्तावेजी साक्ष्यों की भी सिलसिलेवार समीक्षा की जा रही है। माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू जनवरी में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर सकती है।
यह है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के पीएफ के लगभग 4122.70 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। नियम विरुद्ध पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश किए जाने के मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने घोटाले की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। पीएफ घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी व सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता समेत 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू की जांच में सीए के जरिए कई फर्जी ब्रोकर फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराने की बात भी सामने आई थी।