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UPPCL PF Scam : EOW की गिरफ्त में एक और CA, कमीशन की रकम को करता था सफेद

UPPCL PF Scam बिजली कर्मचारियों के पीएफ घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने एक और चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को पकड़ा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:44 PM (IST)
UPPCL PF Scam : EOW की गिरफ्त में एक और CA, कमीशन की रकम को करता था सफेद
UPPCL PF Scam : EOW की गिरफ्त में एक और CA, कमीशन की रकम को करता था सफेद

लखनऊ, जेएनएन। UPPCL PF Scam : बिजली कर्मचारियों के पीएफ घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को पकड़ा है। सूत्रों कहना है कि ब्रोकर फर्मों को कमीशन के तौर पर मिली रकम को काले से सफेद बनाने के तथ्य सामने आए थे। ईओडब्ल्यू ने एक ब्रोकर फर्म से जुड़े रहे सीए ललित गोयल से लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। कई अन्य बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा इससे पूर्व चार सीए को गिरफ्तार कर चुकी है। पूरे मामले में अब तक यह 17वें आरोपित की गिरफ्तारी है।

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उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के पीएफ के लगभग 4122.70 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। नियम विरुद्ध पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश किए जाने के मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने घोटाले की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को सौंपी थी। पीएफ घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ने पूर्व में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी व सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता समेत 17 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा की जांच में चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए कई फर्जी ब्रोकर फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराने की बात भी सामने आई थी।

उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के भविष्य निधि घोटाले के मामले में भले ही अब तक सीबीआइ ने जांच को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है, लेकिन इस मामले में जल्द प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है। इस मामले की अभी तक जांच में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने आरोपितों पर अपना शिकंजा कसा है। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार, तत्कालीन प्रबंध निदेशक अपर्णा यू समेत कई अन्य तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।


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