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UPPCL PF Scam: डीएचएफएल के प्रमोटर वधावन बंधु को नहीं म‍िली जमानत, कोर्ट ने कहा-अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं

UPPCL PF Scam उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन की जमानत अदालत ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा क‍ि सीबीआइ ने निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल किया है।

By Saurabh ShuklaEdited By: Anurag GuptaPublished: Sat, 01 Oct 2022 09:27 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 09:27 PM (IST)
UPPCL PF Scam: डीएचएफएल के प्रमोटर वधावन बंधु को नहीं म‍िली जमानत, कोर्ट ने कहा-अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं
UPPCL PF Scam: दोनों अभियुक्त तिहाड़ जेल से जरिए वीडियो कान्फ्रेसिंग से विशेष अदालत के समक्ष पेश।

लखनऊ, विधि संवाददाता। उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन की जमानत अर्जी सीबीआइ की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। यह अर्जी तय समय में आरोप पत्र दाखिल नहीं करने के आधार पर दाखिल की गई थी। विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने पाया कि सीबीआइ ने निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल किया है। ऐसे में अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है। 

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त‍िहाड़ जेल से वीसी के जर‍िए कोर्ट में हुए पेश 

19 सितंबर, 2022 को विशेष अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। उस रोज यह दोनों अभियुक्त तिहाड़ जेल से जरिए वीडियो कान्फ्रेसिंग विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए थे। सीबीआइ द्वारा दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक अभियुक्तों ने डीएचएफएल का कुटरचित बैलेंस सीट व वित्तीय स्टेटमेंट दाखिल कर ट्रिपल-ए की रेटिंग हासिल की। फिर इस मामले के अन्य अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश के तहत नियम विरुद्ध यूपीपीसीएल के कुल 42 हजार कर्मचारियों का सीपीएफ व जीपीएफ का रकम अपनी कम्पनी में निवेश कराया।

26 मई को भेजा गया था न्‍याय‍िक ह‍िरासत में 

17 मार्च, 2017 से 17 दिसंबर, 2018 के मध्य कुल चार हजार 122 करोड़ 70 लाख का निवेश कराते हुए लाभ प्राप्त किया। इससे यूपीपीसीएल को दो हजार 267 करोड़ 90 लाख की आर्थिक क्षति भी हुई। विवेचना के पश्चात इनके खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी व कूटरचना आदि के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। बीती 26 मई को इस मामले में अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उस रोज अभियुक्तों को नवी मुंबई की तलोजा जेल से लाकर सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया था।

17 अभ‍ियुक्‍त हुए थे ग‍िरफ्तार    

दो नवंबर, 2019 को इस मामले की रिपोर्ट वर्तमान सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। जिसकी विवेचना इओडब्ल्यू कर रही थी। उसने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अफसरों समेत 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। पांच मार्च, 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआइ को सौंप दी गई थी।


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