उप्र में बारिश ने बढ़ाई हाड़तोड़ सर्दी, 15 की मौत, प्राइमरी स्कूल बंद
पहाड़ों में हो रही बर्फवारी के साथ मंगलवार को मैदानी इलाकों में हुई बूंदाबांदी और धूप लगभग गायब रहने से उत्तर प्रदेश हाड़ कंपाने वाली सर्दी की चपेट में आ गया है। कई जिलों में दोपहर तक छाये कोहरे ने ङ्क्षजदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। वाहन रेंगते रहे।
लखनऊ। पहाड़ों में हो रही बर्फवारी के साथ मैदानी इलाकों में हुई बूंदाबांदी और धूप लगभग गायब रहने से उत्तर प्रदेश हाड़ कंपाने वाली सर्दी की चपेट में आ गया है। कई जिलों में दोपहर तक छाये कोहरे ने जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। वाहन रेंगते रहे। तेज सर्द हवाएं शूल तरह चुभती रहीं। ठंड से दो बच्चों समेत 15 लोगों की सांसें थम गयीं। सहारनपुर सबसे ठंडा रहा।
पश्चिमी तेज हवाओं के कारण तापमान ने भी गोता लगाया और गलन में बढ़ोतरी हो गई है। ठंड के तेवर देख कई जिलों में प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी के आदेश दे दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी आंशिक बादल छाये रहेंगे और मौसम सर्द रहेगा। भदोही के गिर्दबडग़ांव में स्थित एक निजी विद्यालय पढऩे पहुंचीं दो छात्राओं की ठंड लगने से तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और कौशांबी जिलों में बीते 24 घंटों के भीतर सात लोगों की जान चली गई। फतेहपुर में मासूम समेत तीन और महोबा में दो लोगों की मौत हो गई। प्रतापगढ़ में मानिकपुर गोतनी निवासी जवाहरलाल (59), प्रतापगढ़ में दुलुवामई गांव निवासी राम किशुन (45) ने भी सोमवार रात दम तोड़ दिया। महेशगंज थाना क्षेत्र के झींगुर बसनी का पुरवा गांव निवासी रामदुलारे सरोज (52) की भी सोमवार रात मौत हो गई। इलाहाबाद में लालापुर थाना क्षेत्र में मंदुरी गांव निवासी धनपतिया (60) की मंगलवार सुबह ठंड से मौत हो गई। जसरा निवासी सत्य नारायण केसरवानी (70) की भी मौत हो गई। कौशांबी के सिराथू तहसील के अलीपुरजीता गांव निवासी ननका (40) को सोमवार रात ठंड लगी थी। मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। बसोहनी गांव निवासी किसान आदित्य नारायण (48) भी मंगलवार को मौत हो गई।
आगरा में सोमवार रात से शुरू हुई बूंदाबांदी मंगलवार सुबह साढ़े 6 बजे तक रुक-रुक कर होती रही। इससे मंडल का मौसम और सर्द हो गया। ठंडी हवाएं और छाये बादलों ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। आगरा का अधिकतम तापमान 12 और न्यूनतम 4 डिग्र्री सेल्सियस रहा। बारिश के बाद तुनकमिजाज हुए मौसम ने सर्दी में इजाफा कर दिया। मुरादाबाद मंडल में धूप खिली रही। लेकिन सर्द हवाओं से बढ़ी गलन ने इसे बेअसर कर दिया। शाम होते होते मौसम और ज्यादा सर्द हो गया। सुबह हल्का कोहरा भी छाया रहा।
अमरोहा में ट्रेन का इंतजार कर रहे युवक डिंपल सिंह व रामपुर के ग्राम पजावा में चालीस वर्षीय विमला की ठंड से मौत हो गई। शामली के गांव मलकपुर में सत्तार की चार वर्षीय पुत्री तराना व साजिद के एक माह के पुत्र सावेज के लिए ठंड काल बन गयी। सहारनपुर में ठंड का सितम सबसे ज्यादा रहा। यहां पारा 0.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। अधिकतम तापमान 18 दर्ज हुआ। बरेली में बारिश से सर्दी और तीखी हो गयी। अलीगढ़ में मंगलवार को कड़ाके की ठंड से राहत मिली। दोपहर 12 बजे निकली धूप शाम चार बजे तक मौसम को गर्माहट देती रही।
पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार
11 जनवरी से 14 जनवरी तक तीन पश्चिमी विक्षोभ गुजरे। जिसकी वजह से मंगलवार को ठंडक बढ़ गई। अगले तीन-चार दिन कोहरा रहेगा। रात व दिन का तापमान गिरेगा। 26 जनवरी से धूप निकलेगी। उसके बाद कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं दिख रहा है।
- रंजीत सिंह, मौसम वैज्ञानिक, नोएडा
फसलों के लिए 'अमृत वर्षा'
राजधानी समेत मध्य व पूर्व उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मंगलवार को सुबह से बूंदाबांदी और बारिश की रिमझिम फुहारें पड़ती रहीं। बारिश से किसानों को राहत मिली है। सूखती फसलों के लिए बारिश 'अमृत वर्षाÓ साबित हुई है।
लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, बनारस और गोरखपुर समेत आसपास के जिलों दिनभर बारिश होती रही। गोरखपुर में तीन तो इलाहाबाद में 7.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बारिश के चलते कई जिलों में दिन का तापमान सामान्य से चार-छह डिग्री सेल्सियस गिर गया। गलन ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर किया।
फसलों की मिली 'संजीवनी'
मंगलवार को हुई बारिश को फसलों के लिए अमृत के समान माना जा रहा है। खासतौर पर गेहूं के लिए। अन्य फसलों गन्ना के साथ-साथ दलहनी फसलों व सब्जियों के लिए भी यह बारिश बेहद उपयोगी मानी जा रही है। बरसात के साथ बढ़ी ठंड भी फसलों के लिए लाभकारी है। विज्ञानियों का कहना है कि इसका सीधा फायदा किसानों को होगा। फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। गौरतलब है कि जनवरी में लगातार तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना हुआ था। इससे किसानों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें ङ्क्षखच गई थीं। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश से सरसों की फसल को मामूली नुकसान हो सकता है। सरसों में फूल आ गए हैं। ऐसे में ज्यादा बारिश होती है तो इससे नुकसान हो सकता है। चना व मटर की खेती करने वालों को भी एहतियात बरतनी चाहिए।
उम्मीदों की बारिश लेकर आये मंगल को मौसम में अचानक बदलाव से किसान खासे खुश हैं। अरसे से बारिश न होने को लेकर किसान काफी चिंतित थे। पश्चिम के बरेली, आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी और अलीगढ़ मंडल के हाथरस व एटा जिले भी बारिश से भीगे।