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UP की योगी सरकार का फैसला : मार्च तक पूरा करें ट्रांसगंगा सिटी और सरस्वती हाईटेक सिटी का काम

लखनऊ मुख्य सचिव आरके तिवारी ने ट्रांसगंगा और सरस्वती हाईटेक सिटी फेज-1 का काम हर हाल में 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश। विकास कार्य कराने के साथ आवंटियों को कब्जा भी देते रहने को कहा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 10:49 PM (IST)
UP की योगी सरकार का फैसला : मार्च तक पूरा करें ट्रांसगंगा सिटी और सरस्वती हाईटेक सिटी का काम
लखनऊ : ट्रांसगंगा और सरस्वती हाईटेक सिटी फेज-1 का काम हर हाल में 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। लंबे समय तक फंसी रही उन्नाव की ट्रांसगंगा सिटी और प्रयागराज की सरस्वती हाईटेक सिटी को सरकार अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर चुकी है। मंगलवार को प्रोजेक्ट मानीटरिंग ग्रुप की बैठक में दोनों योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी ने ट्रांसगंगा और सरस्वती हाईटेक सिटी फेज-1 का काम हर हाल में 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

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लोकभवन में मंगलवार को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रांसगंगा सिटी और सरस्वती हाईटेक सिटी में विकास कार्यों के साथ आवंटियों को कब्जा भी देते जाएं। बाकी बचे औद्योगिक भूखंडों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि अधिक से अधिक उद्यमी निवेश के लिए आ सकें। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के पास भी लैंडबैंक तैयार करें, ताकि भविष्य में मांग के अनुरूप उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए जा सकें।

ट्रांसगंगा सिटी के बारे में बताया गया कि फेज-1 के सभी विकास कार्य 31 मार्च, 2021 तक पूरे कर लिए जाएंगे। फेज-टू जुलाई, 2021 तक पूरा हो जाएगा। इस योजना में 826 आवासीय और सात औद्योगिक भूखंड हैं। फेज-टू में कुल 593 आवासीय और 24 औद्योगिक भूखंड हैं। इसी तरह सरस्वती हाईटेक सिटी फेज-1 के सिविल कार्य पूरे हो गए हैं। बिजली संबंध काम बचा है, जिसे मार्च, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना में 1614 आवासीय और 46 औद्योगिक भूखंड हैं। फेज-टू में मिश्रित भू-उपयोग के 65 और छह औद्योगिक भूखंड हैं।

वहीं, औरैया प्लास्टिक सिटी के बारे में बताया गया कि परियोजना के सभी विकास कार्य पूरे कर कब्जा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसे 359.38 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है, जिसमें 274.45 एकड़ पर औद्योगिक और 84.93 एकड़ भूमि पर आवासीय योजना प्रस्तावित है। बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन कुमार कमलेश भी उपस्थित थे। 


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