President Election 2022: NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को जीत की राह दिखाएगा यूपी, कुल मत मूल्य में 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी
President Election 2022 राष्ट्रपति चुनााव में देशभर के सभी राज्यों का वोट मिलाकर भी भाजपा गठबंधन का विपक्षी एकजुटता पर भारी पड़ना तय है लेकिन सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश भी अपना सीधा असर इस चुनाव पर छोड़ने के लिए तैयार है।
President Election 2022: लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतारा गया है। इससे पहले विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति बनाने का ऐलान किया था। देश की राजनीतिक तस्वीर का स्वरूप तय करने वाला उत्तर प्रदेश राष्ट्रपति चुनाव में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।
देशभर के मतदाता जनप्रतिनिधियों के कुल मत मूल्य 10,86,431 का 14.86 प्रतिशत हिस्सा यूपी के पास है। इसमें यदि बसपा अपनी धुर विरोधी सपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला ले तो भी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी के लिए 1,19,084 मत मूल्य की बड़ी बढ़त के साथ ग्रीन कारिडोर बनाने में भाजपा गठबंधन सक्षम है।
यूं तो देशभर के सभी राज्यों का वोट मिलाकर भी भाजपा गठबंधन का विपक्षी एकजुटता पर भारी पड़ना तय है, लेकिन सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश भी अपना सीधा असर इस चुनाव पर छोड़ने के लिए तैयार है। सभी राज्यों से चयनित लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के वोट का मूल्य बराबर है, जो कि 700 है। वहीं, विधायकों के वोट का मूल्य आबादी की गणना के अनुसार तय होता है।
लगभग 25 करोड़ आबादी वाले इस प्रदेश के विधायकों का मूल्य सर्वाधिक 208 है। यहां 80 लोकसभा सीट, 31 राज्यसभा सदस्य और 403 विधायक हैं। इस तरह लोकसभा सदस्यों का कुल मूल्य 56,000 होता है, लेकिन अभी रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है, इसलिए अभी 78 सीटों की ही गणना है, जिनका कुल मूल्य 54,600 निकलता है।
सर्वाधिक 62 सांसद भाजपा के हैं और दो सहयोगी अपना दल (एस) के हैं। इनका मत मूल्य 44,800 हो जाता है, जबकि विपक्षी गोल में शामिल होने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव के पास तीन सांसदों का कुल मत मूल्य मात्र 2100 ही है। कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट है, जिसका मूल्य 700 है। देखा जाए तो दूसरे स्थान पर बसपा है, जिसके दस सांसदों के वोट का मूल्य 7000 है।
इसी तरह राज्यसभा की 31 सीटों का कुल 21,700 है, जिसमें 25 सीटों के साथ भाजपा काफी आगे है। उसके 25 सांसद 17500 मूल्य जुटा लेंगे, जबकि सपा के पास 3500 (पांच राज्यसभा सदस्य), बसपा के एक सदस्य का 700 और कांग्रेस का शून्य है। इसी तरह विधायकों के वोटों की संख्या भी सबसे अधिक भाजपा गठबंधन के पास है।
403 विधायकों के वोट का मूल्य 83,824 होता है। इसमें से 273 वोट के साथ 56,784 का मूल्य भाजपा गठबंधन के पास है। 125 विधायकों वाले सपा गठबंधन के पास कुल मूल्य 26,000 है। कांग्रेस और जनसत्ता दल के दो-दो विधायक हैं। यह 416-416 का मूल्य रखे हैं, जबकि बसपा के पास एक विधायक के वोट का 208 मूल्य है।
इस सीधे-सीधे गणित को भी देखें तो भाजपा गठबंधन राजग प्रत्याशी को उत्तर प्रदेश से 1,19,084 मत मूल्य की बढ़त देगा। सपा और कांग्रेस मिलकर भी 32,716 ही होता है। यहां बसपा पर सभी की नजर जरूर होगी, क्योंकि माना जा रहा है कि वह शायद सपा और कांग्रेस के साथ विपक्षी गोल में शामिल न हो। हो सकता है कि वह भी राजग प्रत्याशी को ही समर्थन कर दे। तब 7,908 मत मूल्य का बोनस राजग प्रत्याशी को मिल सकता है।
यह है उत्तर प्रदेश के आंकड़ों की तस्वीर
- विधायक - 403, कुल मत मूल्य - 83,824
- भाजपा गठबंधन - 273, मूल्य - 56,784
- सपा गठबंधन - 125, मूल्य - 26,000
- कांग्रेस - 2, मूल्य - 416
- जनसत्ता दल - 2, मूल्य - 416
- बसपा - 1, मूल्य - 208
- लोकसभा सदस्य - 80, कुल मूल्य - 56,000
- भाजपा गठबंधन - 64, मूल्य - 44,800
- बसपा - 10, मूल्य - 7,000
- सपा गठबंधन - 3, मूल्य - 2,100
- कांग्रेस - 1, मूल्य - 700
- (नोट- रामपुर और आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव होना है। अभी उनके वोटों की गणना शामिल नहीं है।)
- राज्यसभा सदस्य - 31, कुल मूल्य - 21,700
- भाजपा - 25, मूल्य - 17,500
- सपा गठबंधन - 5, मूल्य - 3,500
- बसपा - 1, मूल्य - 700
- कांग्रेस - 0