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Rain in UP: कानपुर में बारिश ने तोड़ा 36 साल का रिकार्ड, कच्चे घर गिरने से चार की मौत; फसलों का नुकसान

Rain in UP बादलों की उमड़-घुमड़ से डबडबाईं अन्नदाताओं की आंखें भारी बरसात देख बरस पड़ीं। कानपुर में 24 घंटे हुई 127 मिमी बारिश ने 36 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। कार्तिक में इससे पहले साल 1985 में 165.5 मिमी बारिश हुई थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:28 PM (IST)
Rain in UP: कानपुर में बारिश ने तोड़ा 36 साल का रिकार्ड, कच्चे घर गिरने से चार की मौत; फसलों का नुकसान
Rain in UP: यूपी में बार‍िश से आलू की अगेती, धान, तिल, उर्द की फसलें प्रभावित।

लखनऊ, जेएनएन। बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर वज्रपात की तरह बरसी है। फसलों को हुए भारी नुकसान से किसान हलकान हैं तो वहीं जनहानि भी हुई है। बादलों की उमड़-घुमड़ से डबडबाईं अन्नदाताओं की आंखें भारी बरसात देख बरस पड़ीं। कानपुर में 24 घंटे हुई 127 मिमी बारिश ने 36 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। कार्तिक में इससे पहले साल 1985 में 165.5 मिमी बारिश हुई थी। इधर, इटावा के ग्राम पुरा रेवाड़ी में मकान ढहने से चार वर्षीय मासूम की दबकर मौत हो गई। कन्नौज के मोहनपुर गांव में एक महिला और फतेहपुर में हथगाम के कसरांव में कच्चा घर गिरने से सास-बहू की मौत हो गई।

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कन्नौज में पिछले 24 घंटे के दौरान 166.8 मिमी, बांदा में 19 मिमी, चित्रकूट में 27 मिमी, हमीरपुर में 104 मिमी, महोबा में 30 मिमी, फर्रुखाबाद में 89.66 मिमी, उन्नाव में 70 मिमी बारिश हुई। उन्नाव के जिला कृषि अधिकारी केके मिश्र ने बताया कि बारिश से धान, तिल, उर्द की फसल को काफी नुकसान हुआ है। वहीं अगेती आलू की फसल को भी क्षति हुई है।

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मंगलवार सुबह संगमनगरी और उसके आसपास के जिलों में करीब घंटे भर तक कहीं मूसलधार तो कहीं मध्यम बरसात हुई। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश की वजह से कई जगह धान और तिलहन की फसल खेत में गिर गई। काट कर रखी गई उपज भी भीग गई। आसपास के जिलों में छिटपुट बारिश हुई। उधर, बारिश से वाराणसी में लगभग पांच से सात फीसद धान की फसल गिर गई है। करीब 10 फीसद उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। गाजीपुर में धान व बाजरे के साथ मिर्च, मटर, टमाटर की फसल नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। आलू की बोआई भी प्रभावित होगी। मीरजापुर में खेतों में पकी खड़ी धान और तिल्ली की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

रेलवे ट्रैक पर भरा पानी, चार घंटे खड़ी रही ट्रेन

जलालाबाद में रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से कानपुर से फर्रुखाबाद जा रही पैसेंजर ट्रेन को सोमवार रात चार घंटे तक रोकना पड़ा। रात में पानी कम होने पर चालक को पटरी दिखी, तब 2:45 बजे ट्रेन आगे रवाना हुई।


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