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UP Vidhansabha By Polls : प्रियंका वाड्रा के नए फार्मूले पर कांग्रेस, युवाओं के बलबूते सियासी जंग

बार-बार मिल रही हार के बाद राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग आजमा रही हैं। युवाओं के बलबूते सियासी जंग लड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 05:46 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 05:46 PM (IST)
UP Vidhansabha By Polls : प्रियंका वाड्रा के नए फार्मूले पर कांग्रेस, युवाओं के बलबूते सियासी जंग
UP Vidhansabha By Polls : प्रियंका वाड्रा के नए फार्मूले पर कांग्रेस, युवाओं के बलबूते सियासी जंग

लखनऊ, जेएनएन। देश की सबसे पुरानी पार्टी अब उम्मीदों के नए कंधों पर सवार हुई है। 'खांटी' और 'धुरंधर' कांग्रेसियों के भरोसे बार-बार मिल रही हार के बाद राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग आजमा रही हैं। युवाओं के बलबूते सियासी जंग लड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसीलिए उपचुनाव में अधिकांश युवाओं को मैदान में उतारा गया है। इस प्रयोग के परिणाम आगे की दिशा तय करेंगे।

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सूबे में 11 सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होना है। सभी दल विभिन्न समीकरणों को देख-समझकर प्रत्याशी तय कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने इस बार अपनी रणनीति बदली है। अमूमन फैसलों पर बहुत ठंडा रुख रखने वाली कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए 11 में से 10 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बाकी बिंदुओं को नजरअंदाज करते हुए पार्टी ने दावेदारों की उम्र पर गौर किया। प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा चाहती हैं कि पार्टी में युवा नेतृत्व बढ़े। उदाहरण सामने है। कानपुर की गोविंद नगर सीट से प्रत्याशी करिश्मा ठाकुर और घोसी से उम्मीदवार राजमंगल यादव की उम्र तीस से भी कम है। वहीं, हमीरपुर से हरदीपक निषाद, लखनऊ कैंट से दिलप्रीत सिंह, जैदपुर से तनुज पूनिया, इगलास से उमेश कुमार दिवाकर, मानिकपुर से रंजना पांडेय और प्रतापगढ़ प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी चालीस वर्ष से कम उम्र के हैं।

इस फैसले को लेकर पार्टी के दो नजरिए हैं। एक तो यह युवा प्रत्याशी जीते तो इनके साथ नई पीढ़ी कांग्रेस के साथ जुड़ेगी। यदि उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं भी मिलती है तो कम से कम युवाओं में यह भरोसा तो जिंदा होगा कि पार्टी युवाओं को तरजीह दे रही है। नया नेतृत्व भी तैयार होगा। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि यह फार्मूला सफल होने पर संगठन में भी युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह टिकट वितरण होगा।


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