प्राथमिकताओं वाली योजनाओं के लिए अनुपूरक बजट लाएगी सरकार
अपनी प्राथमिकताओं व प्रतिबद्धताओं से जुड़ी योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने को सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश करेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी प्राथमिकताओं व प्रतिबद्धताओं से जुड़ी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए संसाधन जुटाने की खातिर राज्य सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। अनुपूरक बजट के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को सात अगस्त तक प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए कहा है। चुनावी वर्ष में योगी सरकार अपने सियासी एजेंडे को धार देना चाहती है। लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर अपनी छाप छोडऩे के लिए वह विकास कार्यों को गति देने के साथ उन योजनाओं पर जोर देना चाहती है जो उसके लिए वोट कैचर साबित हों। इस लिहाज से केंद्रीय योजनाओं को भी वह खास तवज्जो दे रही है।
सभी विभागों को दिशानिर्देश जारी
अनुपूरक बजट के संदर्भ में अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल की ओर से गुरुवार को सभी विभागों को दिशानिर्देश जारी कर दिये गए हैं। अनुपूरक बजट में ऐसे प्रस्तावों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है जो राज्य सरकार की प्राथमिकताओं व प्रतिबद्धताओं से जुड़े हैं और जिनका इसी वित्तीय वर्ष में व्यय किया जाना जरूरी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में भुगतान किये जाने वाले ऐसे वचनबद्ध व्यय भी अनुपूरक बजट में शामिल किये जाएंगे जो विभागीय अनुदान में बचतें न होने के कारण पुनर्विनियोग के जरिये स्वीकृत नहीं किये जा सकते हैं।
केंद्र से धनराशि मिल चुकी
केंद्र पोषित योजनाओं से जुड़े ऐसे प्रस्तावों को भी इसमें शामिल करने का निर्देश दिया गया है जिनके लिए केंद्र से धनराशि मिल चुकी है या मिलने वाली है लेकिन उसके लिए प्रावधान नहीं है।केंद्र पोषित योजनाओं से संबंधित जिन मामलों में बजट प्रावधान न होने पर उप्र बजट मैनुअल के तहत वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई हैं, उन योजनाओं के लिए प्रतीक (टोकन) प्रावधान के प्रस्तावों को भी अनुपूरक बजट में शामिल करने के लिए कहा गया हैं। उप्र आकस्मिकता निधि से लिये गए अग्रिमों की प्रतिपूर्ति के उन प्रस्तावों को भी इसमें शामिल करने के लिए कहा गया है जिनका राज्य आकस्मिकता निधि से वाकई आहरण किया गया हो।