Bio Compressed Gas उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा UP, 400 से अधिक उद्यमियों ने प्लांट लगाने मे दिखाई दिलचस्पी
Bio Compressed Gas Plant उत्तर प्रदेश कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन में जल्द ही दूसरे प्रदेशों से आगे होगा। अब तक चार सौ से अधिक उद्यमियों ने प्लांट लगाने मे दिलचस्पी दिखाई है और कइयों पर काम चल रहा है और कइयों पर काम चल रहा है।

UP News: लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) जल्द ही बायो कंप्रेस्ड गैस (Bio Compressed Gas) के उत्पादन में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शुमार होगा। 400 से अधिक उद्यमियों ने बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट लगाने में दिलचस्पी दिखाई है। इंडियन आयल (Indian Oil) ने प्रदेश में प्लांट लगाने के इच्छुक 420 इंटरप्रेन्योर को लेटर आफ इंटेट (LOI) जारी किया है। इन एलओआइ के पूरा होने पर इंडियन आयल दो हजार टन प्रतिदिन कंप्रेस्ड गैस का उत्पादन कर सकेगा।
पेट्रोल और डीजल (Petrol & Diesel) की लगातार बढ़ रही खपत और कीमतों के चलते वैकल्पिक ईंधन की तलाश की जा रही है जो पर्यावरण के साथ-साथ जेब पर भी भारी नहीं पड़े। यूपी सरकार भी बायो गैस के साथ एथेनाल और बायोडीजल के उत्पादन के लिए भी जोर दे रही है।
इंडियन आयल के कार्यकारी निदेशक संजीव कक्कड़ का कहना है कि उत्तर प्रदेश कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन में जल्द ही दूसरे प्रदेशों से आगे होगा। अब तक चार सौ से अधिक उद्यमियों ने प्लांट लगाने मे दिलचस्पी दिखाई है और कइयों पर काम चल रहा है। कुछ वर्षों में ही प्रदेश में दो हजार टन प्रतिदिन कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन होगा। इससे काफी हद तक सस्ते और प्रदूषण रहित ईंधन की मांग पूरी की जा सकेगी।
सीएनजी से सस्ता और बेहतर : इंडियन आयल का दावा है कि कंप्रेस्ड बायो गैस सीएनजी से सस्ती पड़ेगी, चूंकि सीएनजी बाहर से भी आयात होती है इसलिए उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहता है। अभी सीएनजी की दरें 90 रुपये प्रति किग्रा से अधिक है। कंप्रेस्ड बायो गैस यहीं पर तैयार होगी इसकी वजह से दरें तय करने में दिक्कत नहीं होगी। एक किलोग्राम कंप्रेस्ड बायो गैस तैयार करने में करीब 54 रुपये खर्च आएगा। इस लिहाज से सीएनजी से सस्ता विकल्प होगा।
प्लांट के बीस किलोमीटर के दायरे में बिकेगी गैस : कंप्रेस्ड बायो गैस को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में ट्रांसपोर्ट का अधिक खर्चा नहीं हो इसके लिए प्लांट के बीस किलोमीटर के दायरे में स्थित पंपों पर ही इसकी बिक्री की जाएगी। इससे किसानों को भी लाभ होगा। किसान आसानी के साथ पराली, गोबर, गन्ने की पत्ती और दूसरे वेस्ट मटीरियल बेचकर आमदनी कर सकेंगे।
गोरखपुर और कानपुर में अगले मार्च से उत्पादन : मध्य और पूर्वी यूपी की बात करें तो गोरखपुर और कानपुर देहात बायो गैस प्लांट लगभग तैयार हैं और यहां मार्च से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर में उत्पादन शुरू हो गया और गाजियाबाद में प्लांट निर्माणाधीन है। इसके अलावा कई प्लांट पाइप लाइन में हैं।
यूपी में कहां कितने प्लांट प्रस्तावित
- गोरखपुर सर्किल में 29
- कानपुर सर्किल में 27
- लखनऊ सर्किल में 74
- प्रयागराज सर्किल में 40
- वाराणसी सर्किल में 33
- आगरा सर्किल में 27
- बरेली सर्किल में 43
- मुरादाबाद सर्किल में 47

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