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UP TET 2020: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य नहीं, अब जागी उम्मीद

UP TET 2020 यूपीटीईटी उत्तीर्ण करने वालों को जो प्रमाणपत्र मिलेगा वह फिलहाल आजीवन मान्य नहीं होगा। अब केंद्र सरकार की ओर से टीईटी के प्रमाणपत्र की वैधता को आजीवन करने की घोषणा के बाद राज्य सरकार भी विचार कर रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 06:44 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 06:45 PM (IST)
UP TET 2020: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य नहीं, अब जागी उम्मीद
यूपीटीईटी उत्तीर्ण करने वालों को जो प्रमाणपत्र मिलेगा, वह फिलहाल आजीवन मान्य नहीं होगा।

प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2020 के लिए आवेदन लेने की तैयारी है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को जो प्रमाणपत्र मिलेगा, वह फिलहाल आजीवन मान्य नहीं होगा। यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र अभी पांच वर्ष के लिए ही मान्य है। वजह, परीक्षा संस्था ने इसका प्रस्ताव 2020 में तब भेजा था, जब एनसीटीई ने इसका प्रविधान ही नहीं किया था। उसके बाद से कई बार प्रस्ताव भेजा गया लेकिन, परीक्षा व प्रमाणपत्र की शर्तों में बदलाव नहीं हुआ है। यह जरूर है कि अब शासन चाहे तो एनसीईआरटी से प्रस्ताव लेकर यह प्रविधान कर सकता है, क्योंकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इसके अनुपालन का जिम्मा राज्यों पर छोड़ दिया है। अब केंद्र सरकार की ओर से टीईटी के प्रमाणपत्र की वैधता को आजीवन करने की घोषणा के बाद राज्य सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है।

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प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए दावेदारों को राज्य या फिर केंद्र सरकार की ओर से कराई जाने वाली पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रदेश सरकार यह इम्तिहान वर्ष में एक बार, जबकि केंद्र सरकार दो बार कराती आ रही है। प्रदेश सरकार शिक्षक पात्रता कराने को मंजूरी दे चुकी है। पहले 11 मई को विज्ञापन जारी करके 18 मई से आवेदन लिए जाने थे लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर के कारण उसे स्थगित कर दिया। अब परीक्षा संस्था ने फिर शासन को प्रस्ताव भेजा है, अनुमति मिलने पर प्रक्रिया शुरू होगी।

शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) तय करता रहा है। 29 सिंतबर, 2020 को एनसीटीई ने 50वीं आमसभा में टीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन वैध करने का प्रस्ताव पारित किया। एनसीटीई की ओर से 13 अक्टूबर को जारी मिनट्स में कहा गया है कि आगे से होने वाली सीटीईटी की वैधता आजीवन रहेगी। ज्ञात हो कि पहले सीटीईटी प्रमाणपत्र सात वर्ष के लिए मान्य करता था। अब वर्ष 2011 से अब तक के सभी प्रमाणपत्रों को आजीवन मान्य किया जा रहा है।

इससे उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवा भी इस नियम को लागू करने की उम्मीद संजोए हैं, क्योंकि इस निर्णय का उन्हें सबसे अधिक लाभ होगा। इसके लिए अब परीक्षा संस्था को प्रस्ताव भेजने की जरूरत नहीं है, बल्कि शासन की पहल पर एनसीईआरटी भी इस संबंध में आदेश जारी कर सकता है। ज्ञात हो कि यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र अभी पांच वर्ष के लिए ही मान्य है।

डीएलएड में मेरिट से प्रवेश के आसार : शासन ने डीएलएड में प्रवेश के लिए जुलाई के बाद तारीखें तय करने का निर्देश दिया था। बदले प्रस्ताव में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा कराने का प्रविधान किया गया लेकिन, इधर जिस तरह से परीक्षाएं निरस्त हो रही हैं, उसे देखते हुए अब पहले की तरह डीएलएड में प्रवेश मेरिट के आधार पर ही होने की उम्मीद है।


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