पेपर लीक कांड की जांच को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने गठित की कमेटी
नलकूप चालक परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एक सदस्य की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। नलकूप चालक परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एक सदस्य की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी आंतरिक जांच करेगी कि किस स्तर पर चूक हुई और इसके लिए दोषी कौन है।
कमेटी यह भी सुझाव देगी कि परीक्षाओं को दोषमुक्त बनाने के लिए क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं। इसके साथ ही पूरे प्रकरण में एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।पेपर आउट होने के दूसरे दिन रविवार के अवकाश के बावजूद आयोग ने बैठक बुलाई और पूरे प्रकरण पर विचार किया। इसमें तय किया गया कि एसटीएफ की जांच के साथ ही एक सदस्य की अध्यक्षता में टीम बनाकर इंटरनल जांच भी कराई जाए।
परीक्षा कराने वाली एजेंसी प्रतिबंधित
आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने बताया कि फिलहाल परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी न्यासा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह एजेंसी नोएडा की है। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के आयोजन की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जा रही है। साथ ही कई सुधारों पर विचार किया जा रहा है। जांच कमेटी इस बाबत भी सुझाव देगी। शासन को भी प्रस्तावित सुधारों से अवगत कराया जाएगा। फिलहाल अभी नलकूप चालक परीक्षा की नई तारीखें नहीं घोषित की गई हैं। इस पर आगे विचार किया जाएगा।
प्रिंटिंग प्रेस से ही आउट हुआ पेपर
नलकूप चालक परीक्षा का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से ही आउट होने की अधिक संभावना जताई जा रही है। आयोग से जुड़े लोगों के अनुसार जो पेपर आउट हुआ, वह जी सीरीज का था। इस पर सीरियल नंबर नहीं लिखा था। प्रिंटिंग प्रेस से ही सीरियल नंबर भी छपकर आता है। इससे पेपर वहीं से आउट होने की संभावनाएं अधिक नजर आ रही हैैं।
सरगना शिक्षक दो साल से नहीं आ रहा स्कूल
नलकूप चालक आपरेटर परीक्षा पेपर लीक करने वालों का सरगना अमरोहा जनपद की हसनपुर तहसील के गांव जामलावाली स्थित प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक सचिन को एसटीएफ ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। स्कूल के प्रधान अध्यापक से बात नहीं हो सकी है, लेकिन गांव और शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों से पता चला है कि वह करीब दो साल से स्कूल में नहीं देखा गया है। शिक्षक मूलरूप से मेरठ के सरधना क्षेत्र का बताया जा रहा है। सचिन हसनपुर तहसील क्षेत्र के जमनावाला गांव के विद्यालय में तैनात है। जानकारी की गई तो पता चला कि वह दो साल से स्कूल में नहीं देखा गया।
रविवार होने के कारण स्कूल के प्रधानाध्यापक से संपर्क नहीं हो पाया, जबकि एबीएसए अमरेश कुमारी ने इस बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इन्कार किया है। साथ ही दावा किया कि ऐसा नहीं हो सकता कि कोई दो साल से नहीं आ रहा है फिर भी स्कूल खुलने पर जानकारी कराने की बात कही। इस मामले में परीक्षार्थी दीपक पुत्र वीर ङ्क्षसह व प्रदीप पुत्र वीर ङ्क्षसह निवासी नगर के मुहल्ला जवाहर नगर स्थित मकान पर संपर्क किया तो परिवार के लोगों ने बताया कि उनके चाचा बीमार हैं। उन्हें देखने गांव गए हैं।