लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग में बड़े पैमाने पर पदोन्नति आदेश हुए हैं। लंबे समय से सहायक विकास अधिकारी (आइएसबी) रहे 230 अधिकारियों को संयुक्त खंड विकास अधिकारी (संयुक्त बीडीओ) के पद पर पदोन्नति दी गई है। विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के बाद आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसी के साथ उनके बीडीओ बनने का रास्ता साफ हो गया है। अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से दीपावली तक इन्हें बीडीओ के पद पर पदोन्नत करने की उम्मीद है।

ग्राम्य विकास विभाग में सेवा अवधि की कड़ी शर्तें होने से संयुक्त बीडीओ व बीडीओ के बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग के तहत खंड विकास अधिकारी की सेवा नियमावली और उत्तर प्रदेश संयुक्त खंड विकास अधिकारी (अराजपत्रित) सेवा नियमावली 1992 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है। इसके तहत ग्राम विकास अधिकारी से संयुक्त खंड विकास अधिकारी पद तक 20 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों को खंड विकास अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिलेगी। वहीं, ग्राम विकास अधिकारी से एडीओ तक 16 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों को संयुक्त खंड विकास अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिलेगी।

नियमों में हुए बदलाव पर ग्राम्य विकास विभाग ने अब अनुपालन कर दिया है। संयुक्त आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार ने 230 सहायक विकास अधिकारी (आइएसबी) को संयुक्त खंड विकास अधिकारी (अराजपत्रित) के पद पर पदोन्नति का आदेश जारी किया है। ये अधिकारी लंबे समय से प्रमोशन की राह देख रहे थे। अब उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग 15 दिन में इन 230 अधिकारियों को खंड विकास अधिकारी के पद पर प्रोन्नति देगा, तब फिर इतने ही पदों पर एडीओ (आइएसबी) प्रमोशन पाएंगे। वहीं, करीब 500 ग्राम विकास अधिकारियों को भी जल्द ही सहायक विकास अधिकारी (आइएसबी) के पद पर पदोन्नति मिलेगी।

Edited By: Umesh Tiwari