MSME से रोजगार देने में यूपी का पांचवां स्थान, निजी क्षेत्र में कुल 11 लाख लोगों को नौकरी मिलने का दावा
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में एमएसएमई से रोजगार देने के मामले में प्रदेशवार सूची जारी की है। इसमें सर्वाधिक रोजगार देते हुए महाराष्ट्र पहले तमिलनाडु दूसरे गुजरात तीसरे मध्य प्रदेश चौथे और उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान पर है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। दुनिया के साथ देश पर आए कोरोना संकट ने राज्यों के रोजगार प्रबंधन, वित्तीय क्षमताओं और नीतिगत सूझबूझ को भी परखा है। लॉकडाउन होने पर जब लाखों गरीब-मजदूर रोजगार से खाली हाथ हुए तो हर राज्य ने अपने प्रयास किए। उन प्रयासों के परिणाम के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने जो रैंकिंग जारी की है, उसमें उत्तर प्रदेश ने टॉप-5 में जगह पाई है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के जरिये रोजगार देने में प्रदेश पांचवें स्थान पर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में एमएसएमई से रोजगार देने के मामले में प्रदेशवार सूची जारी की है। इसमें सर्वाधिक रोजगार देते हुए महाराष्ट्र पहले, तमिलनाडु दूसरे, गुजरात तीसरे, मध्य प्रदेश चौथे और उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान पर है। उत्तर प्रदेश ने राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों को रोजगार देने के मामले में पीछे छोड़ दिया है। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में दूसरे राज्यों से करीब चालीस लाख मजदूर यहां आए।
उन सभी की स्किल मैपिंग कराते हुए सरकार ने विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से कुल 11 लाख श्रमिकों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया। उत्तर प्रदेश में लगभग 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ.नवनीत सहगल का कहना है कि सरकार की इस उपलब्धि में सबसे बड़ी भूमिका एक जिला एक उत्पाद योजना ने निभाई है। छोटे-छोटे जिले भी रोजगार के केंद्र बने।