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उप्र लोकसेवा आयोग भर्तियों में आगे, टाइम लाइन में पीछे

अधिकांश परीक्षाओं की तारीख ऐन समय पर बदला जाना आयोग के कामकाज का हिस्सा बन चुका है। इस तरह की कार्यशैली की वजह से ही आयोग परीक्षाओं के परिणाम की अनुमानित तारीख घोषित नहीं करता है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 12:37 PM (IST)
उप्र लोकसेवा आयोग भर्तियों में आगे, टाइम लाइन में पीछे
उप्र लोकसेवा आयोग भर्तियों में आगे, टाइम लाइन में पीछे

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) प्रदेश के अहम पदों के चयन के लिए वर्षभर परीक्षाएं कराता है। जनवरी से लेकर दिसंबर माह तक लगभग माह एक या फिर अधिक इम्तिहान होते आ रहे हैं, लेकिन आयोग में कैलेंडर का सही से अनुपालन नहीं हो पा रहा है। अधिकांश परीक्षाओं की तारीख ऐन समय पर बदला जाना आयोग के कामकाज का हिस्सा बन चुका है। इस तरह की कार्यशैली की वजह से ही आयोग परीक्षाओं के परिणाम की अनुमानित तारीख घोषित नहीं करता है।

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आयोग की सबसे अहम परीक्षाओं में पीसीएस का इम्तिहान है। इस वर्ष अलग-अलग वजहों से तीन बार परीक्षा तारीख में बदलाव हुआ। पिछले साल इस परीक्षा के आवेदन लेने की प्रक्रिया देर से शुरू हो सकी। वैसे तो कैलेंडर में प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा का जिक्र स्पष्ट रूप से होता है, लेकिन परिणाम जारी करने में देरी के कारण हर बार प्रतियोगियों को यह अनुरोध करना पड़ता है कि मुख्य परीक्षा के लिए तैयारी का पर्याप्त मौका दिया जाए, जबकि यह बात आयोग की परीक्षा नीति में शामिल है,

फिर भी उसका अनुपालन करने की जगह प्रतियोगियों को ज्ञापन देने या फिर आंदोलन करने का मौका मुहैया कराया जाता है। यूपी पीएससी आम तौर परीक्षाओं का आयोजन संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर कराता है, लेकिन उससे परीक्षा कैलेंडर का अनुपालन करना और परिणाम अनुमानित तारीख के आसपास घोषित करने की कला अब तक सीख नहीं पाया है। यहां तक कि कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी, यूपी बोर्ड और सीबीएसई तक परीक्षाओं के बाद परिणाम तय समय में ही जारी करते हैं।

परीक्षा कैलेंडर जारी नहीं, कैसे करें तैयारी
आयोग इस वर्ष कई परीक्षाओं का आयोजन ही नहीं करा सका और कई की तारीखों में बदलाव हुआ है। यही नहीं नया वर्ष सिर पर आ गया है परीक्षा कैलेंडर अब तक जारी नहीं हो सका है। जनवरी में होनी वाली परीक्षाओं की तैयारी आखिर प्रतियोगी कैसे करेंगे, इसकी सुधि आयोग के अफसरों को नहीं है। इस वर्ष प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद पांच से सात वर्ष पुराने परिणाम रह-रहकर जारी किए गए हैं। यह सिलसिला अभी दिसंबर माह तक चलता रहेगा, क्योंकि इतने रिजल्ट अभी विलंबित हैं। इस संबंध में आयोग की ओर से कहा गया है कि परीक्षा कैलेंडर जल्द ही घोषित होगा, बाकी कार्य दुरुस्त हो रहे हैं।  


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