Move to Jagran APP

आधी-अधूरी तैयारियों के बीच खुलेंगे यूपी के प्राइमरी स्कूल, यूनीफार्म, बैग और किताबों के बिना शुरू होगी पढ़ाई

यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में एक सितंबर से पढ़ाई शुरू होनी है। स्कूल सुसज्जित हैं और शिक्षक जुलाई से ही छात्र-छात्राओं का नामांकन करा रहे हैं लेकिन बच्चों की पढ़ाई कराने का इंंतजाम अधूरा है। उन्हें यूनीफार्म बैग जूता-मोजा अब तक नहीं मिला है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 10:19 AM (IST)
आधी-अधूरी तैयारियों के बीच खुलेंगे यूपी के प्राइमरी स्कूल, यूनीफार्म, बैग और किताबों के बिना शुरू होगी पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पांच माह बाद पढ़ाई शुरू हो रही है।

लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पांच माह बाद पढ़ाई शुरू होनी है। स्कूल सुसज्जित हैं और शिक्षक जुलाई से ही छात्र-छात्राओं का नामांकन करा रहे हैं लेकिन, बच्चों की पढ़ाई कराने का इंंतजाम अधूरा है। उन्हें यूनीफार्म, बैग, जूता-मोजा अब तक नहीं मिला है, किताबें भी ब्लाक मुख्यालयों से स्कूल भिजवाई जा रही हैं। यह जरूर है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विस्तृत निर्देश जारी हुए हैं। एक सितंबर से बच्चों के विद्यालय आने व पढ़ाई कराने पर किसी का ध्यान नहीं है।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश के 1.59 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छह से आठवीं तक के विद्यालय 24 अगस्त को ही खुल चुके हैं। अब बारी पहली से पांचवीं तक के छात्र-छात्राओं के आने की है। शासन ने जुलाई में ही शिक्षकों को इसी आधार पर विद्यालय आने का आदेश दिया था, ताकि बच्चों के बुलाने के लिए सारे इंतजाम पूरे किए जा सकें। ज्ञात हो कि उनकी आनलाइन पढ़ाई जून से ही चल रही थी। दो माह में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। यूनीफार्म देने का प्रकरण शासन में लंबित है।

मुख्यमंत्री से नियुक्तिपत्र मिला, विद्यालय नहीं : 69000 भर्ती की तीसरी सूची के चयनितों को अगस्त में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्तिपत्र वितरित किया था, अब तक 6696 चयनितों को विद्यालय आवंटन नहीं हो सका है। इसी भर्ती के पहली व दूसरी सूची के जिन अभ्यर्थियों को बाद में नियुक्तिपत्र मिला उन्हें भी अब तक स्कूल नहीं मिला है। इन सबकी संख्या करीब सात हजार है।

पारस्परिक तबादला वाले पांच माह से फंसे : बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतर जिला पारस्परिक तबादला सूची फरवरी में जारी की और करीब पांच हजार शिक्षकों ने मार्च माह में तबादला वाले जिलों के बीएसए कार्यालय में ज्वाइन कर लिया और अब तक वहीं हाजिरी लगा रहे हैं। इन शिक्षकों को स्कूल आवंटित न होने से उनका वेतन भी नहीं निकल रहा है। शिक्षक परेशान हैं कि मानों उन्होंने तबादला लेकर गुनाह कर दिया है।

पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण का जिला आवंटन नहीं : हाई कोर्ट की सख्ती पर 68500 शिक्षक भर्ती के पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आनलाइन आवेदन लिए गए। उनकी 26 अगस्त को जिलों में काउंसिलिंग व 27 को नियुक्तिपत्र दिया जाना था। बेसिक शिक्षा परिषद ने आवेदन करने वालों को जिला आवंटित ही नहीं किया है। इससे काउंसिलिंग तक फंसी है। इस मामले में बेसिक शिक्षा निदेशक हाईकोर्ट में हलफनामा दे चुके हैं, तब भी अनदेखी हो रही है।

इस तरह हो रहा कामकाज : पीएस बघेल इन दिनों डायट संतकबीरनगर के प्राचार्य हैं, प्रभार बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रयागराज का मिला है और कार्यालय राजधानी के साक्षरता निदेशालय में है। स्थिति यह है कि शिक्षक व चयनितों को वे तीनों जगह सुलभ नहीं हो पा रहे हैं।

मंत्री जता चुके नाराजगी : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी किताबों के वितरण की धीमी प्रगति पर गंभीर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने सात अगस्त को निदेशालय में सभी अफसरों की बैठक करके स्कूल खोलने की समीक्षा करके कड़े निर्देश दिए लेकिन हालात नहीं बदले हैं। उनका कहना है कि सारी तैयारियां पूरा करने का आदेश है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.