UP News: 64 गैंगस्टर-माफिया की प्रापर्टी पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो वर्षों में 2000 करोड़ की संपत्ति जब्त
गैंगस्टर और उनके गुर्गों के खिलाफ अवैध तरीकों से अर्जित की गई संपत्ति पर पुलिस की कार्रवाई हुई है। पिछले दो वर्षों में यूपी के कई जिलों में करोड़ों की संपत्ति जब्त हुई है। अकेले मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की नौ करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त हुई है।
लखनऊ, जागरण टीम। यूपी पुलिस ने पिछले दो वर्षों में आपराधिक गतिविधयों से अर्जित की गई संपत्ति पर बड़ी कार्रवाई की है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के अलावा सूचीबद्ध अपराधियों और गैंगस्टरों पर पुलिस की कार्रवाई में यूपी पुलिस ने पिछले दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के 64 अन्य गैंगस्टरों की संपत्ति जब्त की है। ये सभी संपत्तियां गैंगस्टरों ने अवैध तरीकों से हासिल की थीं। इनमें विजय मिश्रा, सुशील मूच, बदन सिंह बद्दो, सुंदर भाटी, सुनील राठी, ध्रुव सिंह, अनुपम दुबे आदि प्रमुख हैं। अकेले मुख्तार अंसारी की 523 करोड़ रुपये और अतीक अहमद की 413 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हुई।
यूपी पुलिस की अपराध के प्रति जीरो टारलेंस नीति
अतिरिक्त महानिदेशक, कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार का कहना है कि पुलिस द्वारा जिला अधिकारियों के साथ मिलकर इन गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था और वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस जोनल स्तर और नीचे के स्तर पर कार्रवाई की निगरानी की थी। इन सूचीबद्ध 64 गैंगस्टरों और उनके गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई हुई। एडीजी ने कहा, "यूपी पुलिस की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस है और गाजियाबाद से गाजीपुर तक कानून के खिलाफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।"
यूपी के इन जिलों में हुईं कार्रवाई
एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि कोयले के अवैध कारोबार में शामिल माफिया और सूचीबद्ध माफिया गिरोहों के नाम पर चल रहे, टेंडर, फर्म और अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, उनके लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और उनकी संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
मेरठ पुलिस जोन में सर्वाधिक 16 गैंगस्टरों की पहचान की है, इसके बाद गोरखपुर जोन में सात, लखनऊ जोन में पांच, वाराणसी जोन में चार तथा विभिन्न जोन में अन्य शामिल हैं। इसके अलावा, ऐसे 18 सूचीबद्ध माफिया डान पर एनएसए लगाया गया है, जिनमें मेरठ के सरूरपुर के उधम सिंह, जिनके खिलाफ 70 मामले दर्ज हैं, बागपत के अनुज बरखा, जिनके खिलाफ 34 मामले हैं, अलीगढ़ के अनिल चौधरी (17 मामले), फतेहगढ़ के अनुपम दुबे शामिल हैं। (58 मामले), बलरामपुर के पूर्व सपा सांसद रिजवान जहीर (15 मामले) और अलीगढ़ के ऋषि शर्मा (21 मामले) दर्ज हैं।
माफिया को सुनाई गई सजा
यूपी पुलिस और अभियोजन पक्ष ने माफिया के खिलाफ मामलों में सजा हासिल की है। हत्या के प्रयास के मामले में आकाश जाट दोषी करार, सुंदर भाटी सहित 11 अन्य को 2021 में दो साल की सजा सुनाई गई थी। अजीत सिंह को चार साल और जीबी नगर के अमित कसाना को छह साल की सजा सुनाई गई है।
यूपी पुलिस के अभियोजन विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि विजय मिश्रा को 2022 में दो साल की सजा और फिर हाल ही में फिर से फायरिंग के एक मामले में पांच साल की सजा हो।
जमकर चल रहा बुलडोजर
यूपी में माफिया की संपत्ति पर सरकार का बुलडोजर भी गरज रहा है। प्रयागराज में हुए हत्याकांड के बाद सरकार का बुलडोजर शूटरों के घर पर चला है। वहीं अन्य मामलों में भी सरकार का बुलडोजर गैंगस्टर, माफिया की संपत्ति पर चला है। यूपी के एटा में पूर्व विधायक व सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव व जुगेंद्र सिंह के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चला था।