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Mukhtar Ansari: यूपी पुलिस ने मजबूत पैरवी कर ढहाया मुख्तार अंसारी के आतंक का किला, अब 19 मामलों में कसी कमर

Mukhtar Ansari News इंटर स्टेट गैंग 191 के सरगना मुख्तार अंसारी के विरुद्ध हत्या अपहरण रासुका गैंगेस्टर एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे हैं। कई मामलों में गवाह मुकर गए अथवा कोर्ट तक ही नहीं पहुंचे। ऐसा पहली बार है जब पुलिस ने उसे कोर्ट में मात दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 09:30 PM (IST)
Mukhtar Ansari: यूपी पुलिस ने मजबूत पैरवी कर ढहाया मुख्तार अंसारी के आतंक का किला, अब 19 मामलों में कसी कमर
Mukhtar Ansari News: इंटर स्टेट गैंग 191 के सरगना मुख्तार अंसारी को खाकी ने पहली बार कोर्ट में दी मात

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। चार दशक से आतंक का पर्याय रहे माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari ) के विरुद्ध प्रभावी पैरवी कर पुलिस ने पहली बार उसे कोर्ट में मात दी है। लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में जेलर को धमकाने के जिस मुकदमे में मुख्तार अंसारी को विशेष कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था, उसे सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसे यूपी पुलिस व अभियोजन विभाग अपनी बड़ी कामयाबी के रूप में देख रहा है।

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एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि मुख्तार अंसारी के कोर्ट में विचाराधीन अन्य 19 मुकदमों की पैरवी और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। जीरो टालरेंस के विरुद्ध माफिया के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है।

रसूख के बलबूते पहुंचा गया था पंजाब की जेल

इंटर स्टेट गैंग 191 के सरगना मुख्तार अंसारी के विरुद्ध हत्या, अपहरण, रासुका, गैंगेस्टर एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे हैं। 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी के विरुद्ध कई मामलों में गवाह मुकर गए अथवा कोर्ट तक ही नहीं पहुंचे। अपने रसूख के बलबूते पंजाब की जेल जा पहुंचे मुख्तार को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश दिए थे। शासन ने सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी की थी, जिसके बाद मुख्तार को अप्रैल, 2021 को वापस यूपी लाया गया था और तब से वह बांदा जेल में निरुद्ध है।

यूपी व दिल्ली में अनेक मुकदमे दर्ज

मुख्तार के आपराधिक इतिहास पर नजर डालें तो उसके विरुद्ध 1978 में गाजीपुर में जान से मारने की धमकी देने के मामले में एनसीआर दर्ज हुई थी, जिसके आठ साल बाद 1986 में गाजीपुर में हत्या का केस दर्ज हुआ। इसके बाद वर्ष 2022 तक मुख्तार के विरुद्ध यूपी व दिल्ली में अनेक मुकदमे दर्ज हुए। इनमें सर्वाधिक 22 मुकदमे गाजीपुर में दर्ज हुए। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद माफिया व अपराधियों के विरुद्ध अभियान के तहत की जा रही कार्रवाई के तहत मुख्तार गिरोह की अपराध से कमाई गई 248 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है, जबकि 282 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति पर बुल्डोजर चला है।

10 साल बाद 71 वर्ष की उम्र में जिरह के लिए बुलाए गए थे जेलर

एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया कि लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी की ओर से ही मुख्तार के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। उन्हें जेल में असलहा तानकर धमकाने की घटना 23 अप्रैल, 2000 की सुबह 10:30 बजे की है। इस मामले में वादी (जेलर) के मुख्य बयान दिसंबर, 2003 को हुए थे, तब वह 61 वर्ष के थे। वर्ष 2014 में वादी को जिरह के बुलाया गया था, जब उनकी उम्र 71 वर्ष थी। वादी ने तब बयानों में मुख्तार के हाथ में असलहा देखने की बात नहीं कही थी और एडीजी कोर्ट से मुख्तार दोषमुक्त हो गया था। जब हाई कोर्ट में मामले को चुनौती दी गई, तब कोर्ट ने 10 वर्ष बाद जिरह कराए जाने को गलत माना था।

दो तत्कालीन डीएम ने दी मुख्तार के विरुद्ध गवाही

एडीजी अभियोजन के अनुसार मुख्तार के विरुद्ध विचाराधीन मामलों में पैरवी तेज की गई है। इसी कड़ी में गाजीपुर में डीएम के जाली हस्ताक्षर बनाकर शस्त्र लाइसेंस हासिल करने के मामले में वाराणसी के भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में जुलाई, 2022 में तत्कालीन डीएम गाजीपुर आलोक रंजन (अब सेवानिवृत्त) ने बयान दर्ज कराए थे। ऐसे ही आगरा जेल में निरुद्ध रहने के दौरान मुख्तार के पास से फर्जी दस्तावेजों के जरिए लिये गए मोबाइल व सिम की बरामदगी के मामले में तत्कालीन डीएम आगरा आरके तिवारी ने बीते दिनों अपने बयान दर्ज कराए हैं। अन्य मामलों में भी प्रभावी पैरवी की जा रही है। मऊ में दर्ज धोखाधड़ी के विचाराधीन मामले में हाई कोर्ट ने बीते दिनों टिप्पणी की थी कि मुख्तार आदतन व शातिर अपराधी है।

मुख्तार अंसारी के कुनबे पर भी मुकदमे

माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी के विरुद्ध छह मुकदमे, सांसद भाई अफजाल अंसारी के विरुद्ध आठ मुकदमे, बेटे अब्बास अंसारी के विरुद्ध सात तथा छोटे बेटे उमर अंसारी के विरुद्ध पांच मुकदमे दर्ज हैं।


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