यूपी पुलिस का दावा- पिछले पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार आपराधिक घटनाओं में 62 फीसद की कमी
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इस बार हुई गंभीर घटनाओं में आरोपितों के विरुद्ध एनएसए व गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कराई जा रही है। लखनऊ व गौतमबुद्धनगर समेत 20 जिले ऐसे हैं जहां एक भी घटना नहीं हुई।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच भी उत्तर प्रदेश पुलिस पिछले पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार अपना रिकॉर्ड सुधारने में कामयाब रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार पंचायत चुनाव के दौरान आपराधिक घटनाओं में 62 फीसद की कमी दर्ज की गई है। एडीजी ने दोनों पंचायत चुनाव के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों का आंकड़ा भी साझा किया।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इस बार हुई गंभीर घटनाओं में आरोपितों के विरुद्ध एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) व गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। लखनऊ व गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट समेत 20 जिले ऐसे हैं, जहां पंचायत चुनाव के दौरान एक भी घटना नहीं हुई।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इस बार पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश में कुल 301 घटनाएं हुईं, जिनमें हत्या के 10, हत्या के प्रयास के 64, बलवा के 71, बूथ लूटने के तीन, मतपेटी लूट के 13, मतपत्र फाडऩे या लूटने के 10, मतदान केंद्र पर मारपीट के आठ, मतदान कर्मियों के साथ बदसलूकी व मारपीट के 17 तथा अन्य मारपीट व विवाद के 105 मुकदमे शामिल हैं।
एडीजी के अनुसार वर्ष 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कुल 485 मुकदमे दर्ज हुए थे। जिनमें हत्या के 17, हत्या के प्रयास के 34, बलवा के 210, बूथ लूटने के आठ, मतपेटी लूटने के पांच, मतदान कर्मियों के साथ मारपीट के 19 व अन्य हिंसक घटनाओं के 161 मुकदमे शामिल थे।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि बेहतर नेतृत्व, योजनाबद्ध तरीके से पुलिस बल के व्यवस्थापन, व्यवसायिक कौशल तथा चुनाव से पूर्व की गई निरोधात्मक कार्रवाई के कारण संभव हुआ है। उन्होंने चुनाव ड्यूटी में मुस्तैद रहे पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की सराहना की है। कहा है कि पुलिस ने कठिन परिस्थितियों में बेहतर परिणाम दिए हैं।