UP PF Scam : पीएफ घोटाले में आइएएस आलोक कुमार से हुई पूछताछ, ईओडब्ल्यू लगातार कस रही शिकंजा
UP PF Scam पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार से पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश के निर्णय से लेकर कई अन्य बिंदुओं पर उनके बयान दर्ज किए गए।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कर्मियों के पीएफ घोटाले के मामले में बुधवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार से आवास, गौतमपल्ली पर पूछताछ की। पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश के निर्णय से लेकर कई अन्य बिंदुओं पर उनके बयान दर्ज किए गए।
आलोक कुमार वर्तमान में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास हैं। आलोक कुमार का कहना है कि जांच एजेंसी ने जो जानकारी मांगी, वह सब उन्होंने बता दी है। उन्होंने जांच एजेंसी के अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि यदि भविष्य में जरूरत पड़ी तो वह फिर सवालों के जवाब देने के लिए उपलब्ध हैं। पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
ईओडब्ल्यू के एसपी शकीलुज्जमा के नेतृत्व में टीम ने बयान दर्ज करने की कार्रवाई पूरी की। इससे पूर्व ईओडब्ल्यू ने बीते दिनों पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल से दिल्ली में पूछताछ की थी। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय अग्रवाल वर्तमान में केंद्रीय कृषि सचिव हैं। माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू जल्द तत्कालीन प्रबंध निदेशक अपर्णा यू समेत कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बयान भी दर्ज कर सकती है।
पीएफ घोटाले में कई अन्य पर शिकंजा जल्द
बिजली कर्मियों के पीएफ घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) जल्द कई अन्य आरोपितों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। ब्रोकर फर्मों व उनके बैंक खातों की पड़ताल में कई नए तथ्य सामने आए हैं। कमीशन की रकम को ठिकाने लगाने में चार अन्य संदिग्धों के बारे में और गहराई से छानबीन कराई जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पीएफ घोटाले में मनी लांड्रिंग को लेकर जांच के कदम बढ़ाए हैं।
ईओडब्ल्यू ने निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में किए गए निवेश के बदले ब्रोकर फर्मों को दिए गए कमीशन व उनसे जुड़े खातों की सिलसिलेवार पड़ताल कर ली है। सूत्रों का कहना है कि ईओडब्ल्यू के हाथ कई ऐसे खातों की जानकारी लगी है, जिनमें कमीशन की रकम भेजी गई। इन खातों का फर्जी ब्रोकर फर्मों से भी कनेक्शन सामने आ रहा है। इन खातों के संचालकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के जरिए जिस तरह विभिन्न फर्मों व खातों में रकम ट्रांसफर कर काले धन को सफेद करने का खेल किया गया, उसमें इन खाता संचालकों की भी भूमिका रही है।
उल्लेखनीय है कि मामले में डीएचएफएल की लखनऊ शाखा में तैनात तत्कालीन कर्मचारी अमित प्रकाश की आरोपित सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व उनके बेटे अभिनव गुप्ता से साठगांठ भी सामने आई थी। अमित को भी गिरफ्तार किया गया था। एक आरोपित पंकज गिरि उर्फ नीशू ने फर्जी नाम-पतों पर ब्रोकर फर्मों का रजिस्ट्रेशन भी कराया था। ध्यान रहे, पीएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी, सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता समेत अब तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपितों पर जल्द ईडी का भी शिकंजा कस सकता है।