Move to Jagran APP

UP PF Scam : ईओडब्ल्यू के साथ ही अब ईडी भी करेगी पावर कॉरपोरेशन में पीएफ घोटाले की जांच

UP PF Scam ईओडब्ल्यू ने घोटाले में अब तक की जांच में सामने आये तथ्यों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित मुख्यालय को एफआइआर की प्रति व अन्य दस्तावेज सौंपे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 05:28 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 07:53 AM (IST)
UP PF Scam : ईओडब्ल्यू के साथ ही अब ईडी भी करेगी पावर कॉरपोरेशन में पीएफ घोटाले की जांच
UP PF Scam : ईओडब्ल्यू के साथ ही अब ईडी भी करेगी पावर कॉरपोरेशन में पीएफ घोटाले की जांच

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के भविष्य निधि घोटाले के मामले में भले ही अब तक सीबीआइ ने जांच को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है, लेकिन इस मामले में जल्द प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है। इस मामले की अभी तक जांच में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्य) ने आरोपितों पर अपना शिकंजा कसा है।

loksabha election banner

ईओडब्ल्यू ने घोटाले में अब तक की जांच में सामने आये तथ्यों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित मुख्यालय को एफआइआर की प्रति व अन्य दस्तावेज सौंपे हैं। सूत्रों का कहना है कि ईओडब्ल्यू की जांच में घोटाले में 28 ब्रोकर फर्मों के शामिल होने व उनके जरिए करोड़ों के लेनदेन में मनीलांड्रिंग के साक्ष्य भी मिले हैं।

ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को दो खाता धारकों से लंबी पूछताछ की। ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में कई चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) व खाता धारकों की भूमिका संदेह के घेरे में है। कुछ सीए को दोबारा भी पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी है।

जांच में अब तक 28 ब्रोकर फर्मों की संलिप्तता सामने आ चुकी है, जिनके जरिये करीब 65 करोड़ रुपये कमीशन दिया गया। इनमें 14 वह ब्रोकर फर्में भी शामिल हैं, जिनके नाम-पते फर्जी पाए गए थे। कई ब्रोकर फर्मों को कमीशन की रकम ठिकाने लगाने के इरादे से ही अलग-अलग नामों से पंजीकृत कराया गया था। इन फर्मों को दी गई कमीशन की रकम को दूसरे खातों में भेजा गया। सीए ने काले धन को सफेद करने में मदद की। ईओडब्ल्यू सभी खाता धारकों की भी सिलसिलेवार छानबीन कर रही है। उल्लेखनीय है कि 4122.70 करोड़ के घोटाले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने मामले की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी है। प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश भी की गई थी, लेकिन सीबीआइ ने अब तक जांच अपने हाथ में नहीं ली है।

संजय अग्रवाल के बयानों का हो रहा परीक्षण

ईओडब्ल्यू पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल के बयानों का परीक्षण कर रही है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय अग्रवाल वर्तमान में केंद्रीय कृषि सचिव हैं। सूत्रों का कहना है कि निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में भविष्य निधि की रकम निवेश किये जाने के निर्णय के सवाल पर संजय अग्रवाल ने अप्रूवल की कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। ज्यादातर सवालों को वह नकारते रहे।

कई और बड़ों की भूमिका भी जांच के दायरे में

ईओडब्ल्यू पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार, तत्कालीन प्रबंध निदेशक अपर्णा यू समेत कई अन्य तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.