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UP Panchayat Chunav Result 2021: धड़कनें तेज, मतगणना में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

UP Panchayat Chunav Result 2021 आज जीत व हार को लेकर जनादेश मतपेटी से आएंगे बाहर। नतीजों पर टिकी दिग्गजों की निगाहें। रायबरेली की हाईप्रोफाइल बनी महराजगंज प्रथम जिला पंचायत की सीए हरदोई में कहीं विधायक की पत्नी प्रधान तो कहीं मां बीडीसी प्रत्याशी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 05:28 PM (IST)
UP Panchayat Chunav Result 2021: धड़कनें तेज, मतगणना में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
UP Panchayat Chunav Result 2021: नतीजों पर टिकी दिग्गजों की निगाहें।

लखनऊ, जेएनएन। UP Panchayat Chunav Result 2021: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण काल में भी चार चरणों में सम्पन्न हुआ यूपी पंचायत चुनाव अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। रविवार यानी आज जीत व हार को लेकर जनादेश मतपेटी से बाहर आएंगे। प्रत्याशी समर्थक मतगणना को लेकर जहां तैयारियों में व्यस्त हैं, वहीं आने वाले रिजल्ट को लेकर उनकी बेकरारी बढ़ गई है। आंखों में सपने लिए उम्मीदवार मतगणना स्थल पर जमा हो रहे हैं। पंचायत चुनाव का परिणाम जानने को प्रत्याशियों के साथ ही वोटरों में भी बेचैनी है। गांव की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं ने पसंदीदा नुमाइंदे की किस्मत को मत पेटिका में कैद कर दिया, लेकिन किसके सिर जीत का ताज सजेगा, इस घड़ी का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है। गांव-गांव प्रधानी, बीडीसी, सदस्य ग्राम पंचायत व जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों की जीत-हार का ताजा हाल जानने के लिए हर कोई मतगणना स्थल तक पहुंचने का जुगाड़ खोज रहा है। 

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अंबेडकरनगर में इनकी प्रतिष्ठा दांव पर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए रविवार को होने वाली मतगणना में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। बसखारी दक्षिणी सीट से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शिवनायक वर्मा, तो रामनगर उत्तरी से भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष कपिलदेव वर्मा जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवार हैं। वहीं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा वर्मा भीटी द्वितीय व भीटी के निवर्तमान ब्लाक प्रमुख शिवप्रसाद यादव भीटी चतुर्थ सीट से जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में हैं। यहां जिला पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने से ये सभी प्रत्याशी इस पद के प्रमुख दावेदार हैं। जिला पंचायत सदस्य के कुल 41 सीटों में इन चार वार्डों का परिणाम काफी चर्चा में रहने वाला है। 

टांडा ब्लाक के जिगना के रहने वाले शिवनायक वर्मा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान में वे भाजपा अवध क्षेत्र के उपाध्यक्ष भी हैं। वह बसखारी ब्लाक के बसखारी दक्षिणी सीट से चुनाव मैदान में हैं। इससे पहले वह अपना दल के टिकट पर टांडा विधानसभा क्षेत्र से विधायकी का भी चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं टांडा ब्लॉक के गोविंदपुर निवासी कपिलदेव वर्मा ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वह इससे पहले भी टांडा ब्लाक से जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। इस बार वह अपनी सीट बदलकर रामनगर ब्लॉक के दक्षिणी सीट से भाग्य आजमा रहे हैं।

भीटी ब्लॉक के दिलावलपुर की सुधा वर्मा 2005 से 2010 तक जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहीं। वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीती थीं। वर्तमान में भीटी द्वितीय से बसपा की समर्थित प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि, भीटी ब्लॉक के असगवां निवासी निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख शिवप्रसाद यादव भीटी चतुर्थ सीट से समाजवादी पार्टी से समर्थित प्रत्याशी के तौर पर जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है।

बहराइच: जरवल ब्लॉक के वार्ड नंबर 62 से जनसंघ से जीत दर्ज करने वाले पूर्व मंत्री बाबूलाल वर्मा के पुत्र अजय कुमार वर्मा जिला पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर जीत दर्ज करने पर राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। हुजूरपुर ब्लॉक के वार्ड नंबर 49 से पूर्व विधायक अरुणवीर सिंह की अनुज वधु अंजू सिंह चुनावी मैदान में हैं। उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का भी दावेदार माना जा रहा है। सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष की पत्नी गायत्री देवी वार्ड नंबर 22 व उनके पुत्र अर्पित यादव 23 नंबर वार्ड से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी जीत रामहर्ष की मतदाताओं पर मजबूत पकड़ का एहसास कराएगी।

भाजपा की विधायक माधुरी वर्मा की पुत्री मंशादेवी 25 नंबर वार्ड से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर मंशादेवी के पिता एवं पूर्व विधायक दिलीप वम्रा की साख दांव पर है। उन्हें भाजपा ने इसी वजह से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विशेश्वरगंज की निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख वीनाराज मिश्रा भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। वे भाजपा की जिला उपाध्यक्ष हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उनके चुनाव लड़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व सांसद दद्दन मिश्र के भतीजे समय प्रसाद मिश्र भी पयागपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी भी प्रतिष्ठा यहां लगी है। वार्ड नंबर 59 से पूर्व जिला पंचायत सिंह पत्नी विनीता सिंह मैदान में हैं। अध्यक्ष निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष नदीम मन्ना के भाई एवं बहन चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा पुत्रवधू के चुनाव मैदान में होने से पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध की साख लोकतंत्र की अदालत में कसौटी पर है।

रायबरेली की हाईप्रोफाइल बनी महराजगंज प्रथम जिला पंचायत की सीट: इस बार कई राजनीतिक हस्तियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। एक जगह तो पूर्व विधायक ही आमने-सामने आ गए हैं। इतना ही नहीं, एक पूर्व विधायक ने अपने बेटे को ही उम्मीदवार बना दिया।

  • महराजगंज प्रथम: जिले में सबसे अधिक चर्चित सीट महराजगंज प्रथम की है। बछरावां विधानसभा की इस सीट पर तीन पूर्व विधायकों की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। सपा के पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने बेटे निवर्तमान प्रमुख विक्रांत अकेला को मैदान में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पूर्व विधायक राजाराम त्यागी ताल ठोक रहे हैं। यहीं से पूर्व विधायक श्याम सुंदर भारती भी चुनाव मैदान में हैं। इनकी पत्नी चंद्रकली भी इसी सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
  • ऊंचाहार द्वितीय: इस सीट से नवल चंद्र त्रिपाठी मैदान में हैं। वे पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के भतीजे हैं।
  • हरचंदपुर तृतीय: हरचंदपुर तृतीय सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन सिंह चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और हरचंदपुर विधायक राकेश सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। सुमन एमएलसी के भाई की पत्नी हैं।

सुलतानपुर में दांव पर है दिग्गजों की प्रतिष्ठा: आज किसके सिर ताज होगा और किसके हाथ हार आएगी। इसका फैसला हो जाएगा। मगर कुछ चेहरे ऐसे है, जिनपर लोगों की निगाहें टिकी है। नतीजा जाने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्सुकता होगी। इन लोगों की जीत ने न केवल उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी है बल्कि जिले की सियासत भी करवट लेगी। निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह बल्दीराय विकास खंड वार्ड 25 से जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार है। भाजपा ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। पिछले चुनाव में वह बसपा के समर्थन से जीतकर आई थी और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा के समर्थन से कब्जा जमाया था। वहीं, ऊषा सिंह से जिपं अध्यक्ष के चुनाव में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू के छोटे भाई व पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू पराजित हो गए थे। इस बार यह सीट महिला होने के नाते दोनों भाइयों ने अपनी बहन अर्चना सिंह को वार्ड 24 से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए उतारा है। जिले की सियासत में अहम किरदार निभाने वाले इस परिवार की ओर भी नतीजे को लेकर लोगों की निगाह टिकी है। वहीं पिछले 30 सालों से विपक्ष की राजनीति में अहम धूरी बने सपा से विधान परिषद सदस्य शैलेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी बहू को राजनीति में उतारा है। बहू शिल्पा सिंह पहली बार दूबेपुर ब्लाक के अंतर्गत क्षेत्र पंचायत सदस्य वार्ड 107 से नामांकन किया। उनके खिलाफ पर्चा दाखिल करने वाले सभी प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिससे उन्हें निर्विरोध निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा शेष रह गई है। दूबेपुर ब्लाक का प्रमुख पद महिला होने के नाते वह इसकी प्रबल दावेदार मानी जा रही है।

निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह वार्ड नंबर 25 से भाजपा समर्थित जिपं सदस्य पद की प्रत्याशी हैं। उनकी नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है। पिछला चुनाव वह बसपा के समर्थन से जीतकर आई थीं। जिपं अध्यक्ष सपा के समर्थन से बनी थीं। बाद में अविश्वास प्रस्ताव आने पर भाजपा ने उनका साथ दिया।

वार्ड नंबर 24 से पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू की बहन अर्चना सिंह जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। उन्हें भी जिपं अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। पूर्व विधायक के छोटे भाई यशभद्र सिंह मोनू बीते चुनाव में ऊषा सिंह के खिलाफ जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। अब अध्यक्ष का पद महिला होने के नाते दोनों भाई बहन को  लड़ा रहे हैं। सपा के विधान परिषद सदस्य शैलेंद्र प्रताप सिंह की पुत्रबधू वार्ड 107 से शिल्पा सिंह का क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन होगा। उनके खिलाफ खड़े सभी उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया था। वह दूबेपुर ब्लाक से प्रमुख की दावेदार हैं।

हरदोई में कहीं विधायक की पत्नी प्रधान तो कहीं मां बीडीसी प्रत्याशी - पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों के स्वजन भी चुनावी मैदान में हैं। हरदोई की गोपामऊ विधान सभा से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश की पत्नी शशी टड़ियावां विकास खंड की भड़ायल ग्राम पंचायत से प्रधान पद की प्रत्याशी हैं तो सीतापुर जिले के बिसवां के विधायक महेंद्र सिंह यादव की मां शशी यादव भरावन विकास खंड के हाजीपुर से बीडीसी प्रत्याशी हैं। सवायजपुर से विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह के भजीते राजन सिंह सवायजपुर ग्राम पंचायत से प्रधान पद के प्रत्याशी हैं। आईजी रेलवे सतेंद्र सिंह की पत्नी गीता सिंह कछौना विकास खंड की ग्राम पंचायत सरसंड से प्रधान पद की प्रत्याशी हैं तो बावन विकास खंड की बावनपुर से बीडीसी प्रत्याशी रंजना के पति अविनाश कुमार बिहार में जज हैं। पूर्व विधायक अनिल वर्मा के भाई सुनील कुमार वर्मा सकरा ग्राम पंचायत से प्रधान पद के प्रत्याशी हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदार मानी जाने वाली प्रेमावती जोकि भाजपा नेता पीके वर्मा की पत्नी हैं वह सुरसा पंचम से प्रत्याशी हैं। जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष व पूर्व मंत्री स्वर्गीय परमाईलाल की पुत्री, पूर्व सांसद ऊषा वर्मा व पूर्व विधायक राजेश्वरी की ननद अनीता वर्मा टड़ियावां चतुर्थ व सुरसा पंचम से प्रत्याशी हैं।  

बलरामपुर में नतीजे पर टिकी दिग्गजों की निगाहें: पंचायत चुनाव का अहम पड़ाव मतगणना रविवार यानी आज है। प्रत्याशियों की किस्मत का फ़ैसला मतपेटिका खुलने पर होगी। अब प्रत्याशियों के साथ अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाने वाले दिग्गजों की निगाहें चुनाव के नतीजों पर टिकी हुई हैं। दो मई को आने वाले परिणाम जिला पंचायत प्रत्याशियों के भाग्य के साथ मौजूदा व पूर्व विधायकों की साख भी तय करेंगे। यही नहीं, अपने दल से समर्थन न पाने वाले बागियों के करियर की राह भी निश्चित करेंगे। फिलहाल, जीत तो सभी को संजीवनी देगी, लेकिन इसमें दिग्गजों के समीकरण भी अहम भूमिका निभाएंगे।

इनका कद तय करेंगे परिणाम :

  • डा. एसपी यादव : सपा के पूर्व राज्यमंत्री डा. एसपी यादव अपने पुत्र राकेश यादव को जिला पंचायत क्षेत्र रामपुर बनघुसरा से चुनाव लड़ा रहे हैं। इनके सामने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह गुड्डू की पत्नी रीना सिंह मैदान में हैं। साथ ही पूर्व मंत्री की पुत्रवधू साधना यादव जिला पंचायत वार्ड रतनपुर से चुनावी समर में हैं। अपने पुत्र व पुत्रवधू को चुनाव जिताने में पूर्व मंत्री ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। अब चुनाव नतीजे उनका कद तय करेंगे।      
  • सलिल सिंह टीटू : उप्र वन निगम के पूर्व चेयरमैन सलिल सिंह टीटू की पत्नी अनुराधा सिंह सपा के समर्थन से जिला पंचायत वार्ड तुरकौलिया से चुनाव लड़ रहीं हैं। अनुराधा पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप की बहन भी हैं। इनके सामने सपा के बागी रवींद्र प्रताप उर्फ टोप सिंह मैदान में हैं। अब यहां भितरघात के बाद आने वाला परिणाम दिलचस्प होगा। 
  • रिजवान जहीर/दीपांकर सिंह : किंगमेकर कहे जाने वाले पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने कांग्रेस का दामन छोड़ बसपा में घर वापसी की थी। जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं उनकी पत्नी हुमा रिजवान एक बार फिर बसपा के समर्थन से नवानगर जिला पंचायत वार्ड से चुनाव लड़ रहीं हैं। उनके सामने पूर्व युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य दीपांकर सिंह की पत्नी अरुणिमा सिंह टक्कर दे रहीं हैं।      
  • धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू : समय के साथ चलने के लिए मशहूर पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू कांग्रेस का दामन थामे हुए हैं। गोंडा-बलरामपुर की एमएलसी रह चुकीं उनकी पत्नी सविता सिंह कांग्रेस के समर्थन से गंगापुर बांकी से जिला पंचायत का चुनाव लड़ रहीं हैं। इनके सामने भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजय सिंह पिंकू ताल ठोंक रहे हैं। किसकी चाल कितना काम आई, इसका फैसला भी नतीजे तय करेंगे।
  • दांव पर विधायकों की साख :जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक काबिज हैं। सदर में पल्टूराम, तुलसीपुर में कैलाश नाथ शुक्ल, गैंसड़ी में शैलेश कुमार सिंह शैलू व उतरौला में रामप्रताप वर्मा हैं। गैंसड़ी विधायक शैलू सिंह की भाभी को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। अलग-अलग जिला पंचायत क्षेत्रों में किस दल का प्रदर्शन कैसा रहता है, यह देखने योग्य होगा। इसके अलावा सपा, बसपा व कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को मतदाताओं से कितना प्यार मिलेगा, यह भी दिलचस्प होगा।

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