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UP MLC Chunav 2021: विधान परिषद की 12 सीटों के चुनाव की अधिसूचना जारी, पहले द‍िन कोई नामांकन नहीं

UP MLC Chunav 2021 प्रदेश में विधानपरिषद की 12 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 18 जनवरी तक जारी रहेगी। इन सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने 28 को होने वाले मतदान को लेकर अपनी तैयारी पूरी पर ली है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 10:30 AM (IST)
UP MLC Chunav 2021: विधान परिषद की 12 सीटों के चुनाव की अधिसूचना जारी, पहले द‍िन कोई नामांकन नहीं
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा 12 सीट पर सर्वाधिक लाभ में रहेगी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीट पर 28 जनवरी को होने वाले मतदान से पहले सोमवार को चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसी के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, हालांक‍ि पहले द‍िन कोई नामांकन नहीं है। अब राजनीति के पंडितों की निगाह राजनीतिक दलों पर है। 12 में से दस सीट पर भाजपा की जीत तय है जबकि एक पर समाजवादी पार्टी जीत सकती है। अब 12वीं सीट को लेकर भाजपा के साथ समाजवादी पार्टी में जंग होगी।

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प्रदेश में विधानपरिषद की 12 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 18 जनवरी तक जारी रहेगी। इन सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने 28 जनवरी को होने वाले मतदान को लेकर अपनी तैयारी पूरी पर ली है। प्रदेश में 12 सीट पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव की अधिसूचना 11 जनवरी को जारी की जाएगी। इसमें 18 जनवरी तक नामांकन होगा। नामांकन पत्रों की जांच 19 को होगी। इसके बाद नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 जनवरी है। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा 12 सीट पर सर्वाधिक लाभ में रहेगी। विधायकों की संख्या बल के आधार पर भाजपा की 12 में से दस सीट जीतना तय है। भाजपा का प्रयास 11वीं सीट जीतने का भी है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के खाते में 12 में से एक सीट आना तय है। विधान परिषद चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां कापी सक्रिय हो गई हैं।

विधान परिषद में भाजपा की चार सीट खाली हो रही है तो वह आसानी से दस जीतने की स्थिति में है। बसपा के हाथ से तीन सीटें जा रही हैं, वह एक पर भी जीत दर्ज करने की स्थिति में नहीं है। समाजवादी पार्टी पांच के बदले सिर्फ एक सीट निश्चित जीत सकती है। विधान परिषद की जो 12 सीटें खाली हो रही हैं, उनमें पांच समाजवादी पार्टी की, चार भारतीय जनता पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी की हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी सीट रिक्त है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से उच्च सदन गये थे, लेकिन उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद दल-बदल कानून के तहत उनकी विधान परिषद सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।

संभावितों की सूची बनाने में लगी भाजपा : भारतीय जनता पार्टी भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा तथा लक्ष्मण आचार्य की विधान परिषद में फिर भेजना फाइनल कर चुकी है। इसके बाद सात नाम पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा की ओर से कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।

सपा अहमद हसन को फिर भेज सकती है उच्च सदन: समाजवादी पार्टी के जिन छह सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। उसमें सभापति रमेश यादव के अलावा दलनेता अहमद हसन भी हैं। ऐसे में पार्टी वरिष्ठता के आधार पर विधान परिषद में पार्टी के नेता अहमद हसन को फिर से उच्च सदन भेजेगी। समाजवादी पार्टी ने अपने बड़े वोट बैंक यानी मुस्लिम कोटा का पूरा ध्यान रखा है।

इनका कार्यकाल होगा 30 को समाप्त: भाजपा के स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. दिनेश शर्मा, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, समाजवादी पार्टी के अहमद हसन, साहब सिंह सैनी, आशु मलिक, रमेश यादव, राम जतन व वीरेंद्र सिंह तथा बहुजन समाज पार्टी के धर्मवीर सिंह अशोक, प्रदीप कुमार जाटव व नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कार्यकाल समाप्त हो गया है।

विधान परिषद में सौ सदस्य: उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सदस्य हैं। इनमें से 38 सदस्यों का विधानसभा सदस्य और 36 सदस्यों का निर्वाचन स्थानीय निकायों से होता है। आठ सदस्यों का चुनाव शिक्षक और आठ सदस्य स्नातक सदस्य चुनते हैं। दस विधान परिषद सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। इन सभी सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष के लिए होता है। 


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