यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा- प्रदेश में 85 फीसद औद्योगिक इकाइयां चालू
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद उद्योगों के फिर से शुरू होने से इंडस्ट्रियल फीडर पर बिजली की खपत बढ़ने लगी है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। लॉकडाउन से लड़खड़ाए उद्योग धंधे फिर पटरी पर लौटने लगे हैं। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शुक्रवार को इंडस्ट्रियल फीडर में बिजली खपत के आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में 85 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं और उनमें उत्पादन चालू हो गया है। बाकी 15 फीसद इकाइयों में जल्दी पूरी क्षमता के साथ उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश में उद्योगों को विद्युत आपूर्ति के लिए 518 इंडस्ट्रियल फीडर हैं जिनके जरिये कारखानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद उद्योगों के फिर से शुरू होने से इंडस्ट्रियल फीडर पर बिजली की खपत बढ़ने लगी है।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इस साल फरवरी में प्रदेश के इंडस्ट्रियल फीडर में रोजाना 8630 मेगा यूनिट बिजली खपत होती थी। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में यह खपत घटकर 3198 मेगा यूनिट यानी 37.05 प्रतिशत रह गई। राज्य सरकार के प्रयासों से कल-कारखाने फिर से शुरू होने के कारण इंडस्ट्रियल फीडर पर बिजली खपत फिर बढ़ने लगी। 21 मई तक प्रदेश में 7246 मेगा यूनिट बिजली रोज खपत होने लगी है। यह फरवरी के सापेक्ष ऊर्जा खपत का 83.96 प्रतिशत है।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक व दिल्ली से श्रमिकों के यूपी लौटने से उत्तर प्रदेश के उद्योगों को ज्यादा आर्डर मिलने लगे हैं। साइकिल व रिक्शा के पाट्र्स बनाने की ढेरों इकाइयां पंजाब में हैं लेकिन वहां श्रमिकों की कमी होने से काम प्रभावित होने लगा है। इस कारण उत्तर प्रदेश में इस तरह की इकाइयों को माल तैयार करने के आर्डर मिल रहे हैं। कहीं-कहीं तो तीन गुना ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। फैक्ट्रियों में शारीरिक दूरी का पूरा पालन किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान ही निवेशकों की सुविधा के लिए 21 तरह की सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं।